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बिहार के प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों खुशियों की लहर है। यह खुशी केवल एक शादी की नहीं, बल्कि दो मेधावी युवाओं के संगम की है जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और काबिलियत से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। UPSC टॉपर शुभम कुमार और BPSC टॉपर प्रियांगी मेहता अब विवाह बंधन में बंध गए हैं। इन दोनों की यह शादी अब चर्चा का विषय बन गई है, और सोशल मीडिया से लेकर सरकारी दफ्तरों तक लोग इस होनहार जोड़ी को बधाइयाँ दे रहे हैं।



### बिहार के होनहार बेटे और बेटी की मिलन-गाथा

IAS अधिकारी शुभम कुमार बिहार के कटिहार जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने वर्ष 2020 की UPSC परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर टॉप कर ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की थी। वहीं, प्रियांगी मेहता पटना की रहने वाली हैं और उन्होंने हाल ही में आयोजित 68वीं बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दोनों ही अधिकारी न केवल प्रशासनिक सेवा में हैं, बल्कि अब वे जीवनसाथी बनकर अपने व्यक्तिगत जीवन की नई यात्रा शुरू कर चुके हैं।

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AS टॉपर शुभम कुमार और उसकी पत्नी प्रियांगी मेहता


### शुभम कुमार: मेहनत और लगन की जीवंत मिसाल

शुभम कुमार का नाम आज देश के उन युवा चेहरों में लिया जाता है जो कड़ी मेहनत और स्पष्ट लक्ष्य के दम पर सफलता की नई ऊँचाइयों को छूते हैं। कटिहार के कदवा प्रखंड के कुम्हरी गाँव में जन्मे शुभम एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता देवानंद सिंह बैंक में कार्यरत रहे हैं और माता पूनम सिंह गृहिणी हैं। शुभम ने IIT बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद UPSC की तैयारी में जुट गए।

साल 2020 में उन्होंने वह कर दिखाया जो लाखों युवाओं का सपना होता है—UPSC में टॉप रैंक (AIR 1) हासिल कर देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पद के लिए चयनित हुए। उनका यह सफर कठिनाइयों से भरा जरूर रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

वर्तमान में शुभम कुमार भागलपुर में नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। वे अपने कार्य के प्रति ईमानदार, संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ठ माने जाते हैं।



### प्रियांगी मेहता: आत्मनिर्भरता और प्रतिभा की प्रेरणादायी कहानी

प्रियांगी मेहता का नाम बीपीएससी की सफलता सूची में सबसे ऊपर दर्ज है, लेकिन उनकी कहानी उससे भी ज्यादा प्रेरक है। पटना सिटी के संदलपुर मोहल्ले की निवासी प्रियांगी ने बिना किसी कोचिंग के खुद की मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने न केवल बीपीएससी परीक्षा में टॉप किया, बल्कि UPSC 2022 परीक्षा में भी ऑल इंडिया रैंक 261 प्राप्त की।

प्रियांगी का सपना शुरू से ही UPSC में चयनित होना था, लेकिन उन्होंने बीपीएससी को एक मजबूत प्लेटफॉर्म के रूप में लिया और उसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। वे तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं और अपने परिवार की उम्मीदों का केंद्र रहीं। उनके पिता मिथिलेश गुप्ता बहादुरपुर में एक छोटा कंप्यूटर सर्विस सेंटर चलाते हैं। माँ एक गृहिणी हैं। उनकी बहन अदिति बी.कॉम कर रही हैं और दूसरी बहन आस्था नीट की तैयारी में जुटी हैं।

शिक्षा की बात करें तो प्रियांगी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सत्यम इंटरनेशनल स्कूल, पटना से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अरविंद महिला कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की।



### प्रतिभा से जीवनसाथी तक: दो टॉपर्स की प्रेम कहानी

शुभम कुमार और प्रियांगी मेहता दोनों की मुलाकात एक कॉमन परीक्षा व प्रशासनिक तैयारी के वातावरण में हुई। दोनों की सोच, मेहनत और देश सेवा की भावना ने उन्हें एक-दूसरे के करीब ला दिया। एक ओर शुभम ने UPSC में टॉप कर देश के सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा का प्रतिनिधित्व किया, वहीं प्रियांगी ने राज्य सेवा में टॉप कर यह दिखा दिया कि बिहार की बेटियां किसी से कम नहीं।

इनकी शादी केवल व्यक्तिगत जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है जो सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं। यह दिखाता है कि मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से न केवल परीक्षा जीती जा सकती है, बल्कि जीवन भी संवारा जा सकता है।



### बिहार में जश्न का माहौल

बिहार के प्रशासनिक गलियारों, शैक्षणिक संस्थानों और युवाओं के बीच इस शादी को लेकर उत्साह का माहौल है। दोनों के घरों में बधाई देने वालों की भीड़ लगी हुई है। कटिहार और पटना में इनके प्रशंसक, रिश्तेदार और शुभचिंतक इस नई जोड़ी के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं।

बिहार के लिए यह अवसर गर्व का है क्योंकि राज्य के दो होनहारों ने न केवल टॉप रैंक हासिल की, बल्कि अपने विवेक, मूल्य और सिद्धांतों के साथ जीवन में आगे बढ़ते हुए एक-दूसरे का साथ चुना।



### युवाओं के लिए प्रेरणा

शुभम और प्रियांगी की कहानी देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा है। यह दिखाता है कि सीमित संसाधनों में भी अगर लगन और आत्मविश्वास हो, तो बड़ी से बड़ी सफलता पाई जा सकती है। इन दोनों ने न केवल अपने माता-पिता, परिवार और राज्य को गौरवान्वित किया, बल्कि लाखों छात्रों को यह सिखाया कि आत्मनिर्भरता और सही दिशा में प्रयास कैसे सपनों को साकार कर सकते हैं।



### निष्कर्ष

शुभम कुमार और प्रियांगी मेहता की शादी एक साधारण विवाह नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं, दो संघर्षों और दो सफलताओं का संगम है। यह शादी बिहार और देशभर के उन युवाओं को यह संदेश देती है कि मेहनत का फल अवश्य मिलता है और सच्ची सफलता केवल परीक्षा पास करने में नहीं, बल्कि जीवन में संतुलन, सहयोग और साझा मूल्य स्थापित करने में है।

इस होनहार जोड़ी को हम ढेरों शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि प्रशासनिक सेवा में भी उच्चतम आदर्शों का पालन करते हुए देश की सेवा करें।

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