बिहार पुलिस सेवा की अधिकारी डीएसपी रेशु कृष्णा की एक तस्वीर कहलगांव पदस्थापना के दौरान वायरल हुई थी. इस तस्वीर में वो अपने पति के साथ थीं और उनके पति ने अवैध रूप से आईपीएस की वर्दी पहन रखी थी. रेशु कृष्णा फिलहाल सासाराम में पदस्थापित हैं.
पटना. पति को आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) की वर्दी पहनाने के मामले में बिहार पुलिस सेवा की महिला अधिकारी डीएसपी रेशु कृष्णा (Bihar Police DSP Reshu Krishna) की मुश्किलें बढ़ गई है. कहलगांव पदस्थापना के दौरान रेशु कृष्णा पर अपने पति को आईपीएस की वर्दी पहनाने का गंभीर आरोप लगा था. गृह विभाग ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. गृह विभाग द्वारा इस मामले में डीएसपी रिशु कृष्णा से जवाब तलब किया गया है. रेशु कृष्णा अभी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के सासाराम महिला बटालियन में डीएसपी के पद पर पदस्थापित हैं.
इस पूरे मामले में डीजीपी एसके सिंघल के कार्यालय से पिछले 3 दिसंबर को गृह विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी. गृह विभाग द्वारा डीएसपी रेशु कृष्णा पर स्वेक्षचारिता और मनमानी का आरोप लगाते हुए यह कहा गया है कि उनकी मौन स्वीकृति से ही उनके पति सौरभ कुमार ने आईपीएस की वर्दी पहन उनके साथ तस्वीरें खिंचाई और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. गृह विभाग ने महिला डीएसपी को अपने जवाब में अधिकतम 15 दिनों में लिखित जवाब देने को कहा है. उनसे यह भी पूछा गया है कि वह प्रत्यक्ष सुनवाई चाहती हैं या नहीं.
गृह विभाग ने डीएसपी से साक्ष्य की सूची मांगते हुए आरोपों को स्वीकार या अस्वीकार करने को कहा है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि लिखित बयान प्राप्त नहीं होने पर इस पूरे मामले में जांच एकपक्षीय कर दी जाएगी. दरअसल बिहार पुलिस की महिला डीएसपी रेशु कृष्णा जब कहलगांव में डीएसपी के पद पर पदस्थापित थीं, तब इंटरनेट मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुआ था. उक्त तस्वीर में उनके पति सौरभ कुमार अपनी डीएसपी पत्नी के साथ आइपीएस की वर्दी में नजर आ रहे थे, हालांकि बाद में यह तस्वीर हटा दी गई थी.
खास बात ये है कि रेशु के पति आइपीएस अधिकारी नहीं हैं इसके बावजूद उनके द्वारा आइपीएस की वर्दी पहनकर ने केवल फोटो खींचवाई बल्कि उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया गया. तस्वीर वायरल होने के मामले को बिहार पुलिस मुख्यालय ने वर्दी का दुरुपयोग माना है. भागलपुर की तत्कालीन एसएसपी नताशा गुड़िया से पुलिस मुख्यालय ने कहा था कि अपने मंतव्य के साथ स्पष्ट जांच प्रतिवेदन भेजें ताकि मुख्यालय स्तर से इस आरोप में अग्रतर कार्रवाई की जा सके. अब गृह विभाग इस मामले में सुनवाई शुरू कर चुका है. कानूनविदों की माने तो डीएसपी की मुश्किलें अब बढ़ सकती है.