खबर आ रही है कि 12 अगस्त की रात को राजधानी पटना के मौर्या होटल में हुई कुशवाहा समाज के सांसदों और विधायकों की बैठक में तय हुआ कि नीतीश कुमार किसी को भी मंत्री बना दें, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को नहीं।
बिहार में मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है। राजभवन से बुलावा भी आ चुका है। इस बीच जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि नीतीश कैबिनेट में उपेंद्र कुशवाहा मंत्री नहीं बनेंगे। उपेंद्र कुशवाहा पटना में नहीं हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि जिस उपेंद्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों के संभावित लिस्ट में शामिल था, उसे अचानक से हटा दिया गया?
हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने ऐसी खबरों को गलत बताया है। कुशवाहा ने कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं जेडीयू में जहां हूं, संतुष्ट हूं। कुशवाहा से जब यह सवाल किया गया कि आपको मंत्री पद की इच्छा है? तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मुझे न तो कोई इच्छा है और न मैं चाहता हूं कि मुझे कोई पद दिया जाए।
वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार 12 अगस्त की रात को राजधानी पटना के मौर्या होटल में कुशवाहा नेताओं की एक बैठक हुई। बताया गया है कि इस बैठक में जेडीयू में शामिल कई कुशवाहा जाति के विधायक और सांसद नेता मौजूद थे। यह भी बताया गया है कि इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश कमिटि के बड़े नेता (उमेश सिंह कुशवाहा) भी शामिल हुए थे। इस बैठक में तय किया गया कि कुशवाहा समाज से जिन्हें भी मंत्री बनाना हो, नीतीश कुमार बना सकते हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को नहीं। अब सवाल उठता है कि इन नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा से इतनी नाराजगी क्यों है?
बताया जा रहा है कि जेडीयू में एक गुट दल के उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ मैदान में उतर गया है। नीतीश कुमार भले ही आरसीपी सिंह को बेदखल कर दिये हों लेकिन अब भी पार्टी के भीतर ही भीतर आग सुलग रही है। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कुशवाहा नेताओं में भारी नाराजगी है। इसी को लेकर मौर्या होटल में 12 अगस्त को जेडीयू के कुशवाहा नेताओं का जुटान हुआ था। खबर है कि जेडीयू के अंदर कुशवाहा समाज के नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ एकजुटता की वजह से नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री नहीं बनाने का निर्णय लिया है।
वहीं अपने खिलाफ समाज के ही नेताओं की गोलबंदी की भनक उपेंद्र कुशवाहा को भी लग गई। बताया जा रहा है कि जेडीयू के अंदर कुशवाहा समाज के नेता उपेंद्र कुशवाहा के बढ़ते कद से चिंतित हैं और इसीलिये पार्टी के नेता एक साथ आकर उपेंद्र कुशवाहा का रास्ता रोकने की तैयारी में हैं।
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं करा रहे हैं। इस वजह से उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें संगठन में ही काम करने को कहा है। बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा काफी दिनों से इस आस में थे कि उन्हें सरकार में शामिल किया जाएगा। जेडीयू में अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के विलय के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद बिहार विधान परिषद का सदस्य भी बनाया। तभी से यह चर्चा थी कि उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कैबिनेट में शामिल कराया जाएगा।
वहीं राजनीतिक जानकारों ने बताया है कि जेडीयू का भाजपा से रिश्ता टूटने के बाद कहा जा रहा था कि इस बार उन्हें हर हाल में मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की तरफ से स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद वे पटना से बाहर निकल गए हैं।