मधेपुरा की सुरक्षा व्यवस्था उस समय कालगर्ल के हाथों में पहुंच गई जब वो एसपी का फोन लेकर चली गई। ट्रैक कर कालगर्ल सप्लायर महिला के पास तक पहुंचा गया और फोन को बरामद किया गया। महिला ने कई संगीन आरोप लगाए तो अब बिहार के सिंघम एक्शन में हैं।
सहरसा। मधेपुरा एसपी के सरकारी मोबाइल की चोरी मामले में कालगर्ल कनेक्शन सामने आया है। मामले में एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हुआ, जिसमें कथित कालगर्ल सप्लायर महिला ने सनसनीखेज खुलासा किया है। अब पूरे मामले में बिहार के सिंघम मानें कोसी रेंज के डीआइजी शिवदीप वामनराव लांडे ने जांच बैठा दी है। सुपौल एसपी के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। गठित कमेटी को पूरे मामले की जांच कर 36 घंटे के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया है। जबकि महिला का वीडियो बनाकर लीक करने वाले कर्मियों और पदाधिकारी को भी चिह्नित कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर डीआइजी ने जांच का आदेश दिया है। कमेटी में सुपौल के एसपी डी अमरकेश, सहरसा के डीएसपी मुख्यालय एजाज हाफिज मणि, मधेपुरा सदर अंचल के पुलिस निरीक्षक प्रशांत कुमार एवं सहरसा महिला थाना की थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपाश्री शामिल है।
क्या है मामला
गत दिन मधेपुरा एसपी का मोबाइल चोरी हो गया था। डीआइजी ने जब मोबाइल पर काल लगाया तो स्वीच आफ आने के बाद टेक्निकल सेल की मदद से मोबाइल की खोज शुरू की गई। पता चला कि मोबाइल का लाेकेशन सहरसा है। जिसके बाद एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया। महिला का वीडियो बनाया गया जिसमें महिला कह रही है कि मधेपुरा के मुख्यालय डीएसपी के यहां कालगर्ल भेजते थे। पैसे नहीं देने पर लड़की ने मोबाइल की चोरी कर ली। यह वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जांच शुरू की गई।
डीआइजी ने क्या दिया है आदेश
डीआइजी ने जारी आदेश में कहा है कि इंटरनेट मीडिया व समाचार पत्रों में मधेपुरा के डीएसपी मुख्यालय अमरकांत चौबे के संबंध में कालगर्ल संबंधी समाचार प्रकाशित किया गया है। डीएसपी मुख्यालय के पास से एसपी मधेपुरा का मोबाइल चोरी होना तथा उसे कालगर्ल के पास से बरामद होने का उल्लेख किया गया है। इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
डीएसपी मुख्यालय मधेपुरा द्वारा बयान दिया गया है कि पुलिस अधीक्षक का मोाबइल मेरे पास था जो चोरी हो गया। मोबाइल चोरी होने से लेकर नया खरीदने तक विहित प्रक्रिया अपनाई गई थी। जबकि मधेपुरा एसपी द्वारा बताया गया कि उनके आने के बाद पुराना वाला ही मोबाइल दिया गया। इन दोनों के कथनों में विरोधाभाष है। उन्होंने मोबाइल व मोबाइल सिम के संबंध में तथ्यात्मक जांच का आदेश दिया है।
प्रसारित खबर में वायरल वीडियो देखी जा रही है। जिस कारण महिला के संबंध में विस्तृत जांच करें उसके संबंध में घटना के बारे में बताया जा रहा है वह महिला क्या करती है तथा डीएसपी मुख्यालय के पास कैसे आना-जाना होता था।
महिला द्वारा बताये जा रहे बातों को किसके द्वारा और कहां रिकार्ड किया गया। इस संबंध में विस्तृत जांच की जाय तथा वीडियो कहां से लीक हुआ इसका भी पता किया जाय।
घटना के संबंध में महिला का वीडियो बनाए जाने वाले पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी को चिह्नित कर यह पता करने को कहा गया है कि किसके आदेश पर उनके द्वारा वीडियो बनाया गया।
इस प्रकरण में दोषी पाए जाने वालों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चत की जाय।
संपूर्ण प्रकरण की जांच कर 36 घंटे के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया है। वीडियो लीक मामले में भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी। – शिवदीप वामनराव लांडे, डीआइजी, कोसी रेंज, सहरसा।