बिहार के 90 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार की ओर से एक हजार के बदले ढाई हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अभी आशा कार्यकर्ताओं को एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के तहत केंद्र सरकार दो हजार तो बिहार सरकार एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देती है। इसी के तहत बिहार सरकार ने राज्यांश को एक हजार से बढ़ाकर ढाई हजार करने का निर्णय लिया है।
आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग ने तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे राज्य कैबिनेट को भेजा जाएगा। इसके बाद यह लागू हो जाएगा। राज्य सरकार को इस मद में सालाना 298 करोड़ वहन करने होंगे। वहीं, बिहार सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के तहत केंद्रांश में वृद्धि करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है।
उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर से केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने की मांग की गई है। उपमुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार इस मामले पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर जल्द
तेजस्वी ने अपने पत्र में कहा है कि बंध्याकरण की नई तकनीक इंटरवल आईयूसीडी के लिए महिलाओं को प्रेरित करने पर आशा को अभी प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही। इसमें 100 रुपए प्रति लाभार्थी देना चाहिए।
मातृ स्वास्थ्य के तहत आशा को ग्रामीण में 600 व शहरी इलाकों में 400 रुपए दिए जा रहे हैं। 2013 से इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है।
नियमित टीकाकरण, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत भी राशि में वृद्धि की जानी चाहिए।
आशा को छह हजार प्रति भ्रमण दिवस मिल रहा, इसे दस हजार करें। अक्टूबर 2018 से इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है।
केंद्रांश बढ़ाने को तेजस्वी ने केंद्र को लिखा पत्र
उन्होंने पत्र में लिखा है कि बिहार सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त अपनी ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 1000 से बढ़ाकर 2500 रुपये करने का निर्णय लिया है।
कमरतोड़ महंगाई, केंद्र द्वारा प्रोत्साहन राशि में वृद्धि नहीं करने एवं एनएचएम के विभिन्न मदों में प्रोत्साहन दर कम होने से इसमें वृद्धि की आवश्यकता है। महिला बंध्याकरण के उत्प्रेरण हेतु 300 प्रति लाभार्थी, प्रसव उपरांत बंध्याकरण व पुरुष नसबंदी के एवज में 400 रुपए प्रति लाभार्थी दिए जा रहे हैं। 2016 से इस मद में कोई वृद्धि नहीं की गई है।