एक युवक धरती मैया के छाती पर अपनी मां को खेत चौरस करने वाले चौकी पर बिठा खेत को कर रहा चौरस

सीमांचल से उपजी रेणु की “तीसरी कसम” के नायक हीरामन तो अब नहीं हैं लेकिन, उनके पुत्र के रिश्तेदार ने भागलपुर प्रमंडल के बल्लीकित्ता गांव में तीसरी कसम भी तोड़ दी है। बिना बारिश के आषाढ़ गुजरने और सावन के बीतते देख धरती मैया के छाती पर अपनी माँ को बिठा खेत को चौरस करने लगा।

दरअसल धान रोपाई का वक्त निकल रहा है। धान का बिचड़ा तो तैयार है, लेकिन उस उम्मीद में की शायद सावन जम के बरसे। खेत को धान रोपाई के लिए तैयार कर रहे हैं। हिरामन के घर बैल भी नहीं है। बल्लीकित्ता के हिरामन की मृत्यु भी एक माह पहले हो गई।

अपनी विधवा माँ को खेत चौरस करने वाले चौंकी पर बिठाया और हिरामन का परिजन खिंचने लगे। उस उम्मीद में की खरीफ के मौसम में कुछ फसल हो जाये ताकि भूखे रहने या किसी से मांगने की नौबत से परिवार बच सके।

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