स्कूल और कॉलेज में हिजाब का विवाद पूरे देश में फैल चुका है. कुछ लोग इसके पक्ष में राय दे रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि हिजाब यूनिफ़ॉर्म का हिस्सा नहीं है. आम जनता से लेकर सेलेब्स तक मामले पर अपनी राय रख रहे हैं. ग़ौरतलब है कि इस पूरे विवाद का हल नज़र नहीं आ रहा है. विरोध प्रदर्शन देश के कई हिस्सों में हिंसक रूप भी ले चुका है. इन सब के बीच कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जो असली हिन्दुस्तान की तस्वीरें हैं.

उदुपी, कर्नाटक में कई दिनों के बाद बुधवार को स्कूल खुले. गवर्मेंट पीयू कॉलेज फ़ॉर गर्ल्स समेत कई शिक्षण संस्थानों में छात्रों ने वापसी की. ग़ौरतलब है कि इस बार मुस्लिम छात्राएं अकेली नहीं थी. कुछ छात्राएं अपने माता-पिता के साथ पहुंची और कुछ अपने हिन्दू दोस्तों का हाथ पकड़कर.

सबसे ऊपर दोस्ती

कुछ हाई स्कूल छात्राओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर छा गई. तस्वीरों में हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं का हाथ पकड़े कुछ ग़ैर हिजाबी छात्राएं नज़र आईं. हिजाब विवाद के बीच ऐसी तस्वीर दिखाती है कि चाहे जो भी हो, हम सब एक हैं.

कर्नाटक के ही मांड्या गवर्मेंट कॉलेज फ़ोर विमेन में कई मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंचती दिखी. लेकिन क्लास अटेंड करने से पहले उनके हिजाब, बुर्के उतरवाए गए. छात्राओं को पब्लिक में ही हिजाब, बुर्का उतारना पड़ा. कुछ लड़कियों की मदद करने को हिन्दू लड़कियां आगे आईं. ऑफ़लाइन क्लासेज़ अटेंड करने के लिए बड़ी संख्या में छात्र कॉलेज पहुंचे.

एक अन्य स्कूल से भी दोस्ती की मिसाल वाली तस्वीर सामने आई. तिलक लगाए एक छात्रा और हिजाब पहने दूसरी छात्रा, हाथों में हाथ डाले स्कूल पहुंची.

थम नहीं रहा विवाद, 700 लोगों ने लिखी खुली चिट्ठी

500 वक़ील, उच्च न्यायालय के 2 न्यायाधीश समेत 700 लोगों ने हिजाब विवाद पर खुली चिट्ठी लिखी है. इन लोगों ने कर्नाटक हाईकोर्ट के ऑर्डर पर चिंता जताई है. चिट्ठी में कहा गया है कि इस ऑर्डर से मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों का असम्मान होगा. चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले एक शख़्स ने कहा, ‘हिन्दू धर्म को मानने वाले छात्र बिंदी, तिलक, विभूति लगाते हैं लेकिन इन पर कभी किसी ने वैसा विरोध नहीं किया जैसा आज मुस्लिम छात्राओं पर देखने को मिल रहा है.’

चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों ने कर्नाटक हाई कोर्ट के किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न के साथ क्लास में न पहुंचने के ऑर्डर पर चिंता जताई. उनका कहना था कि ऐसा करना संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है.  

हिजाब विवाद के बीच कुछ दिनों पहले कश्मीर की 12वीं की टॉपर, अरूसा परवेज़ को हिजाब न पहनने के लिए ट्रोल किया गया. ट्रोलर्स ने उन्हें जान से मारने तक की धमकी दे डाली. इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं इस्लामी सिद्धांतों का पालन करती हूं. मुझे खुद को एक अच्छा मुस्लिम साबित करने के लिए हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है.

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