भागलपुर । जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के प्रधान लिपिक स्वर्णिम झा को घूस नहीं देने पर बेवजह अंतरजातीय विवाह के अनुदान की फाइल रोकने के आरोप में निलंबित किया जाएगा।
नाथनगर के युवक की शिकायत पर डीएम ने सदर एसडीओ से जांच करायी तो आरोप प्रमाणित हो गया।
अब एसडीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबन केअलावा विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी।
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि एक युवक ने उन्हें बताया कि जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के बड़ा बाबू अनुदान के रूप में मिलने वाली एक लाख रुपये की राशि देने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
इसी उद्देश्य से समाहरणालय के बाहर एक दुकान के पास बड़ा बाबू उन्हें ले गए।
मामले की गंभीरता देख सदर एसडीओ को तुरंत जांच कर आरोपी कर्मचारी को पेश करने को कहा गया।
सदर एसडीओ ने आरोपों की जांच के लिए शिकायतकर्ता युवक के आवेदन की स्थिति के लिए संचिका की जांच की।
जिसमें आरोप सही पाया गया।
इसके बाद आरोपी प्रधान लिपिक को डीएम के चैंबर में पेश किया गया।
डीएम से पूछताछ में प्रधान लिपिक टूट गया और शिकायतकर्ता के साथ दुकान तक जाने की बात स्वीकार कर ली।
हालांकि उसने रिश्वत की बात नहीं स्वीकारी।
डीएम ने बताया कि बेवजह फाइल रोकने की मंशा स्पष्ट हो गई है।
में एसडीओ को रिपोर्ट देने को कहा गया है।
उसके बाद लिपिक स्वर्णिम झा को निलंबित किया जाएगा।
इसके सा विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी।