एसओ वीरेंद्र मिश्र ने बताया कि ग्रामीणों के सामने मुख्य गेट पर बंद ताला तोड़कर कुत्ते को बाहर निकाला गया है. बाद में गेट पर लोगों की मौजूदगी में ही दूसरा ताला लगवा दिया गया. उन्होंने बताया कि मकान के अहाते में बंद कुत्ते की हालत भूख-प्यास से खराब हो चुकी थी. मानवता के आधार पर उसे ग्रामीणों की मौजूदगी में बाहर निकाला गया है. फिलहाल उसे थाने पर रखकर भोजन-पानी का इंतजाम किया गया है.

उत्तर प्रदेश के बलिया (Ballia) जिले में एक कुत्ते ने वफादारी की मिसाल पेश की है. 8 महीने तक भूखा-प्यासा एक जर्मन शेफर्ड (German Shepherd dog) नस्ल का कुत्ता जेनी अपने मालिक के घर की रखवाली करता रहा. इधर बीच उसका संयम जवाब देने लगा तो वह अक्सर रात को रोने लगता. कई दिनों तक यह सिलसिला चला तो पड़ोसियों ने रविवार को पुलिस को खबर की. फिर घर के गेट का ताला तोड़कर कुत्ते को बाहर निकाला गया. फिलहाल पुलिस कुत्ते को अपने साथ ले गई है.

बता दें कि बांसडीहरोड क्षेत्र के रघुनाथपुर (बेला) गांव के अभिषेक पाल के परिवार के लोगों ने जर्मन शेफर्ड जेनी को पाल रखा है. करीब आठ माह पहले घर को कुत्ते के भरोसे छोड़कर परिवार के लोग कहीं चले गए. घर और गेट पर ताला लगे होने के कारण जेनी कहीं बाहर भी नहीं जा सका. कुत्ते की आवाज सुनकर आसपास के लोग को जानकारी हुई तो कभी कभार दिन में रोटी के टुकड़े फेंक दिए जाते थे. पड़ोसियों के टुकड़ों पर जेनी अपने मालिक के घर की रखवाली करता रहा. ग्रामीणों का कहना है कि अहाते के अंदर बंद कुत्ता रात होने पर रोता था.

एसओ वीरेंद्र मिश्र ने बताया कि ग्रामीणों के सामने मुख्य गेट पर बंद ताला तोड़कर कुत्ते को बाहर निकाला गया है. बाद में गेट पर लोगों की मौजूदगी में ही दूसरा ताला लगवा दिया गया. उन्होंने बताया कि मकान के अहाते में बंद कुत्ते की हालत भूख-प्यास से खराब हो चुकी थी. मानवता के आधार पर उसे ग्रामीणों की मौजूदगी में बाहर निकाला गया है. फिलहाल उसे थाने पर रखकर भोजन-पानी का इंतजाम किया गया है.

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