भागलपुर ब्लास्ट की घटना के बाद एक ओर जहां पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक नाबालिक बच्ची अपने साथ हुई हैवानियत की दर्द बायां करते हुए पुलिस के निकम्मेपन को उजागर कर रही है|
मामला भागलपुर के अमडंडा थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है| जहां मंदारगंज पंचायत की एक नाबालिक बिटिया के साथ गांव के ही एक नाबालिक युवक ने बलात्कार की घटना को अंजाम दिया है| वहीं रही सही कसर पंचायत और अमडंडा थाना के एक दरोगा ने पूरी कर दी| ऐसे में अब इस लाचार बच्ची की उम्मीदें एसएसपी बाबूराम पर टिकी है|
इस बाबत बच्ची के पिता ने एसएसपी बाबूराम के आवासीय कार्यालय में बीते 25 फरवरी,2022 को आवेदन देकर आरोपी लड़के पर कार्रवाई की गुहार लगाई थी| लेकिन करीब दस दिन बीतने के बाद भी जब बच्ची को न्याय नहीं मिला तो बच्ची अपने पिता और एक हाथ से दिव्यांग भाई के साथ मिलकर एसएसपी बाबूराम से मिलने पहुंच गए|
कार्यालय में पता चला कि एसएसपी साहब अपने पुलिस अमलों के साथ समीक्षा भवन में अपराध नियंत्रण समेत कई मुद्दों पर बैठक कर रहे हैं तो फिर क्या था| इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है पीड़ित बच्ची खुद एसएसपी के पास पहुंची और आंखों में आंसुओं का जनसैलाब लिए अपने साथ हुए हैवानियत की एक – एक बात एसएसपी को बताने लगी| दिव्यांग भाई ने कहा कि शिकायत करने गए थे तो एक दरोगा ने उनके साथ मारपीट किया है|
एसएसपी ने पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही| साथ ही मौके पर मौजूद आमडंडा थाना प्रभारी बबलू कुमार को जल्द इस मामले में कार्रवाई के लिए निर्देशित किया| बच्ची की मानें तो पिछले 3 दिसंबर, 2021 को वह घर के पास ही एक दुकान में सामान लाने गई थी इसी दरमियान उसे नसिला पदार्थ खिलाकर गांव के ही एक युवक ने उनका अपहरण कर लिया| करीब दस दिनों तक उस युवक ने उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया|
मामले को रफा दफा करने के लिए 11 जनवरी को सरपंच के नेतृत्व में आयोजित पंचायत में नाबालिक बच्ची और आरोपी के बीच शादी कराने पर सहमति बनी| लेकिन कुछ दिन के बाद यानी कि 10 फरवरी को उन्हें आरोपी ने अपने घर से भगा दिया| जबकि पीड़िता के पिता ने बताया की बीते 24 फरवरी को जब वह पीड़िता के साथ शिकायत करने गए तो एक दरोगा ने मारपीट कर उन्हें थाना से भगा दिया|