यूक्रेन रूस में जारी युद्ध के बीच डॉक्टरी की पढ़ाई को बीच मे ही छोड़ कर घर लौट चुके बच्चों को अब आगे की चिंता सताने लगी है। मामले में ऐसे भी माता पिता है जिन्होंने वच्चो को मेडिकल की शिक्षा दिलाने के लिए कर्ज उठाया था आज उंनके सामने कर्ज चुकाने की चिंता के साथ उनके भविष्य को लेकर भी चुनौतियाँ सामने आ खड़ी हो गई है। त्रिवेणीगंज के रहने वाले पतंजलि की दवा दुकान चला रहे डॉक्टर गौरीशंकर परेशान हैं।

बच्चों के घर लौटने से उन्हें खुशी तो है कि उनके वच्चे सही सलामत लौट आये है। लेकिन पढ़ाई छूटने से उनका डाक्टर बनने का सपना अब पूरा होगा भी या नही के साथ उन्होंने जो कर्ज की रकम बैंक से ली थी उसे अब चुका पाएंगे की नहीं संशय की स्थिति उनके सामने आ गई है। डाक्टर गौरीशंकर के पुत्र व पुत्री दोनों ही वच्चे यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे।

दोनो ही द्वितीय वर्ष के छात्र है। बेटी अक्षता व बेटे अरुजराज ने यूक्रेन में जारी युद्ध को आंखों देखी दृश्य को बहुत ही भयावह बताया और कहा कि जिस कदर बमबारी में स्कूलों घरों को नुकसान हुआ है उसकी भरपाई जल्द होती दिखाई नही पड़ती। हालत सुधर भी जाते है तो टूटे बिल्डिंग की मरम्मती में ही सालों लग जाएंगे साथ ही विदेश जाने को लेकर सरकार के गाइडलाइन का भी इंतजार रहेगा। बेहतर है केंद्र सरकार वच्चो के भविष्य को लेकर कोई रास्ता निकालेंगे। जिससे भारतीय प्रतिभा को देश मे ही सेवा करने का अवसर मिल सकेगा।

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