भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JLNMCH) के नौलखा कोठी परिसर में रविवार को IDA अंग प्रदेश की ओर से भव्य ओरल कैंसर कॉन्क्लेव सह वार्षिक समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दंत चिकित्सा और कैंसर जागरूकता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसमें देशभर से दंत एवं कैंसर उपचार से जुड़े विशेषज्ञों ने शिरकत की।

 

कार्यक्रम का उद्घाटन JLNMCH के प्राचार्य डॉ. संदीप लाल, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीनानाथ सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। आयोजकों ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत बुके और अंगवस्त्र भेंटकर किया। समारोह में बड़ी संख्या में चिकित्सक, दंत विशेषज्ञ, मेडिकल छात्र और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

 

वैज्ञानिक सत्र इस कॉन्क्लेव का मुख्य आकर्षण रहा। इसमें कोलकाता की प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. आभा कुमारी, डॉ. हर्षधर, जमशेदपुर के डॉ. अमित कुमार, और कोलकाता के प्लास्टिक सर्जन डॉ. सब्यसाची बसु ने मुख्य वक्ता के रूप में हिस्सा लिया। वक्ताओं ने ओरल कैंसर की बढ़ती चुनौती, प्रारंभिक स्क्रीनिंग, रेडियोथेरेपी तकनीक में तेजी से हो रही प्रगति, और हेड एंड नेक कैंसर के आधुनिक उपचार पर विस्तार से चर्चा की।

 

विशेषज्ञों ने कहा कि ओरल कैंसर देश में तेजी से बढ़ता हुआ स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है, लेकिन इसकी समय पर पहचान और नियमित जांच से गंभीर मामलों को रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि कई मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं, जिससे उपचार जटिल और खर्चीला हो जाता है। शुरुआती लक्षणों की पहचान, तंबाकू से दूरी और समय-समय पर दंत जांच इसके खिलाफ सबसे प्रभावी हथियार हैं।

 

कार्यक्रम में तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण का संकल्प भी दोहराया गया। विशेषज्ञों ने युवाओं में तेजी से बढ़ रहे तंबाकू सेवन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य शिक्षा और कैंसर जागरूकता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। स्कूल-कॉलेजों में नियमित कैंसर अवेयरनेस कैंप चलाने का भी सुझाव दिया गया।

 

वक्ताओं ने बताया कि आधुनिक तकनीकों जैसे डिजिटल स्क्रीनिंग, उन्नत सर्जिकल मेथड्स, और बेहतर रेडियोथेरेपी मशीनों ने ओरल कैंसर के उपचार को काफी प्रभावी बनाया है। साथ ही, प्री-कैंसरस कंडीशन्स—जैसे मुँह में सफेद या लाल धब्बे, लगातार जलन, या घाव—को नजरअंदाज न करने की सलाह दी गई।

 

समारोह के अंत में IDA अंग प्रदेश के पदाधिकारियों ने कहा कि यह कॉन्क्लेव न सिर्फ चिकित्सकों के लिए ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि यह समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। उन्होंने आशा जताई कि ऐसे आयोजन आगे भी होते रहेंगे, जिससे ओरल कैंसर के प्रति जनजागरूकता और चिकित्सकीय क्षमता दोनों का विस्तार होगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *