भागलपुर जिला परिषद में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला। जिला परिषद के उपाध्यक्ष प्रणव कुमार ने औपचारिक रूप से जिला परिषद अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया। यह पद पिछले कुछ समय से रिक्त चल रहा था, क्योंकि पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे चुके थे। अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण जिला परिषद के प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों पर अस्थायी रूप से असर पड़ रहा था, जिसे लेकर परिषद स्तर पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।

 

अध्यक्ष पद खाली होने के बाद उपाध्यक्ष प्रणव कुमार ने जिम्मेदारी संभालने की दिशा में पहल की थी। बीते दिनों उन्होंने भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी से मुलाकात कर एक औपचारिक पत्र सौंपा था। पत्र में उन्होंने उपाध्यक्ष होने के नाते जिला परिषद अध्यक्ष का कार्यभार सौंपे जाने का अनुरोध किया था, ताकि परिषद के कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए और विकास योजनाएं सुचारु रूप से संचालित हो सकें। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने इस अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए पंचायती राज विभाग को प्रस्ताव भेज दिया था।

 

इसके बाद राज्य के पंचायती राज विभाग के उप सचिव गोविंद चौधरी द्वारा भागलपुर जिलाधिकारी को एक पत्र जारी किया गया। पत्र में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि जब तक जिला परिषद अध्यक्ष का औपचारिक रूप से चयन या गठन नहीं हो जाता, तब तक उपाध्यक्ष प्रणव कुमार ही जिला परिषद अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे। साथ ही उन्हें सभी वित्तीय अधिकार भी सौंपे जाएंगे, ताकि जिला परिषद से जुड़े विकासात्मक और प्रशासनिक कार्यों में किसी तरह की रुकावट न हो।

 

पंचायती राज विभाग से निर्देश प्राप्त होने के बाद शुक्रवार को जिला परिषद कार्यालय में औपचारिक प्रक्रिया पूरी करते हुए उपाध्यक्ष प्रणव कुमार ने अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण के साथ ही अब जिला परिषद के प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ वित्तीय निर्णय लेने की जिम्मेदारी भी प्रणव कुमार के हाथों में आ गई है।

 

इस मौके पर प्रणव कुमार ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका निर्वहन पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिला परिषद के अंतर्गत चल रही विकास योजनाओं को गति दी जाएगी और जनहित से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष का औपचारिक गठन होने तक वे पूरी क्षमता के साथ परिषद के कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

 

जिला परिषद में हुए इस प्रशासनिक बदलाव को स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि नए नेतृत्व में परिषद के कामकाज में तेजी आएगी और विकास कार्यों को नई दिशा मिलेगी।

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