पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा खुफिया ब्यूरो (आईबी) अधिकारी मनीष रंजन की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक घटना की खबर मिलते ही बिहार के रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र अंतर्गत अरूही गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव के लोग स्तब्ध हैं, वहीं मनीष के परिजन आक्रोशित हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मनीष रंजन का पैतृक गांव अरूही ही नहीं, सासाराम के गौरक्षणी स्थित उनके शहर वाले घर में भी शोक की लहर है। मनीष की चाची सुनीता देवी और चाचा आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा कि यह केवल उनके परिवार की नहीं, बल्कि पूरे देश की क्षति है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि मनीष के हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए, ताकि देश के अन्य सुरक्षा कर्मियों का मनोबल बना रहे।
मनीष के पिता मंगलेश मिश्रा इस समय पश्चिम बंगाल के झालदा में रहते हैं। घटना की जानकारी मिलते ही वे टूट गए हैं। परिजनों का कहना है कि मनीष को देशसेवा का जज्बा बचपन से ही था और उन्होंने हमेशा देशहित को सर्वोपरि रखा। वह जब भी छुट्टी में गांव आते थे, बच्चों को पढ़ाई और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देते थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस दुखद घटना पर शोक जताया है। उन्होंने जानकारी दी है कि मनीष रंजन का पार्थिव शरीर विमान के माध्यम से रांची लाया जाएगा, जहां से उसे सड़क मार्ग द्वारा झालदा स्थित उनके निवास पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने मनीष के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया है।
बताया जा रहा है कि मनीष रंजन की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्र में थी, जहां वे आतंकवाद-निरोधी गतिविधियों में जुटे हुए थे। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए वे हमेशा जाने जाते थे। उनके सहकर्मी भी इस घटना से बेहद मर्माहत हैं और उन्हें एक साहसी और समर्पित अधिकारी के रूप में याद कर रहे हैं।
अरूही गांव के लोगों का कहना है कि मनीष गांव के लिए गौरव थे। वे अक्सर कहते थे कि चाहे कहीं भी रहूं, मेरी आत्मा इसी मिट्टी से जुड़ी है। उनकी यह असमय और दर्दनाक विदाई पूरे गांव को कभी न भूलने वाला जख्म दे गई है।
देश एक सच्चे सपूत को खो चुका है, लेकिन मनीष रंजन की शहादत को यूं ही नहीं जाने दिया जाएगा—ऐसा परिजनों और ग्रामीणों का कहना है। अब पूरा देश उनकी वीरता को नमन कर रहा है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की पुकार दे रहा है।