झारखंड के दुमका जिले में शुक्रवार की रात एक भयावह और दुखद घटना सामने आई, जिसमें 71 वर्षीय सोना बास्के और उनकी 20 वर्षीय पोती सोना मुर्मू की हत्या कर दी गई। यह घटना अमचुआ गांव के एक घर में हुई, जहां दोनों अपने परिवार के साथ रहती थीं। पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी और मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोना बास्के और उनकी पोती सोना मुर्मू के शव शुक्रवार रात उनके घर से बरामद किए गए। इस घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को सुबह हुई, जब राजू सोरेन, सोना बास्के के पति और सोना मुर्मू के ससुराल में रहने वाले परिवारिक सदस्य, घर लौटे। राजू सोरेन ने बताया कि वह दोपहर में फुटबॉल खेलने गए थे और शाम को जब घर लौटे तो उन्होंने घर के अंदर दोनों के शव पाए। उन्होंने कहा कि यह देख कर उनका मन थम सा गया और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी अमित कुमार लाकरा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह प्रतीत होता है कि हत्या किसी तेज धार वाले हथियार या डंडे से की गई है। उन्होंने कहा कि घटना स्थल से प्राथमिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम को भी जांच में शामिल किया गया है।
हैरानी की बात यह है कि सोना मुर्मू की छह महीने की बच्ची घर में मौजूद थी, लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर क्यों हत्यारे ने बच्ची को सुरक्षित छोड़ा।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए फुलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हत्या के असली कारण और हत्या में प्रयुक्त हथियार के प्रकार का स्पष्ट पता चल सकेगा। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस घटना के सभी पहलुओं का खुलासा करेंगे और दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।
स्थानीय लोग इस घटना से सकते में हैं। अमचुआ गांव के निवासी बताते हैं कि सोना बास्के और उनकी पोती समाज में शांत और मिलनसार महिला के रूप में जानी जाती थीं। यह हत्या गांव के लोगों के लिए एक बड़ा सदमा है और पूरे क्षेत्र में डर और चिंता का माहौल है।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच में हर साक्ष्य को ध्यान में रखा जा रहा है। घटना स्थल से मिले सबूत, गवाहों के बयान और फॉरेंसिक टीम की मदद से ही हत्या के पीछे छिपे रहस्य को उजागर किया जा सकेगा। प्रशासन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय सुरक्षा बढ़ा दी है और आसपास के गांवों में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
यह घटना पूरे दुमका जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे इस मामले में पुलिस को सहयोग दें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है, और परिवारजन अभी भी सदमे में हैं। पुलिस और प्रशासन मिलकर इस मामले को सुलझाने और अपराधियों को गिरफ्तार करने में जुटे हुए हैं, ताकि न्याय जल्दी से जल्दी मिल सके।
