भागलपुर (बिहार):
भागलपुर के कुतुबगंज काली मंदिर प्रांगण में 9 दिवसीय श्री श्री 108 शिव शक्ति महारुद्र यज्ञ का आयोजन बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ किया जा रहा है। इस पावन यज्ञ के शुभारंभ के अवसर पर आज भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें नगरवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
शोभा यात्रा की भव्यता देखते ही बन रही थी। सुबह से ही मंदिर परिसर भक्तों की भीड़ से गुलजार हो गया था। इस अवसर पर 1100 महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में अपने सिर पर पवित्र कलश लेकर पूरे शहर में शोभा यात्रा के लिए निकलीं। चारों ओर ‘बोल बम’, ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय माँ शक्ति’ के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम
कलश शोभा यात्रा में भाग ले रही महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाते हुए और मंत्रोच्चार के साथ आस्था की अनूठी झलक पेश की। यात्रा के दौरान श्रद्धालु डीजे की भक्ति धुनों पर थिरकते हुए देखे गए, जिससे माहौल पूरी तरह धार्मिक और उमंग से परिपूर्ण हो गया।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य पवित्र गंगा जल से कलश भरकर यज्ञ स्थल पर स्थापित करना था, ताकि महारुद्र यज्ञ की शुरुआत विधिवत रूप से की जा सके। महिलाओं ने पूरे शहर का भ्रमण करते हुए गंगा तट से जल भरकर मंदिर प्रांगण में स्थापित किया।
शोभा यात्रा की अद्भुत झांकी
शोभा यात्रा में विभिन्न झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रहीं, जिनमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं के जीवंत रूपों की प्रस्तुति की गई। इन झांकियों ने दर्शकों का मन मोह लिया और लोग झांकियों के साथ सेल्फी लेते और वीडियो बनाते भी नजर आए।
यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया। पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन ने शोभा यात्रा के सुचारू संचालन में पूरा सहयोग दिया।
भक्ति में सराबोर श्रद्धालु
भक्ति से ओत-प्रोत इस कलश यात्रा में नगरवासियों का उत्साह देखते ही बनता था। हर कोई इस पावन यात्रा में सहभागी बनने के लिए उत्साहित दिखा। महिलाएं सिर पर कलश लिए कतारबद्ध होकर चल रही थीं, तो वहीं पुरुष श्रद्धालु भजन-कीर्तन और डीजे की धुन पर झूमते नजर आ रहे थे।
श्रद्धालुओं का कहना था कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलता है। कलश यात्रा के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सामाजिक एकता भी मजबूत होती है।
कथावाचक करेंगे धार्मिक कथा का वाचन
इस 9 दिवसीय महारुद्र यज्ञ के दौरान बनारस से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक धार्मिक कथा का वाचन करेंगे। यज्ञ स्थल पर रोजाना कथा, भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन होगा, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन भाग लेंगे।
कथावाचक भगवान शिव और शक्ति की महिमा, रुद्र यज्ञ के महत्व और इसके धार्मिक एवं आध्यात्मिक लाभों पर प्रकाश डालेंगे। आयोजकों के अनुसार, यज्ञ में भाग लेने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और समस्त प्रकार की बाधाओं का नाश होता है।
कलश शोभा यात्रा का नेतृत्व
इस भव्य कलश शोभा यात्रा का नेतृत्व वार्ड 51 के पार्षद प्रतिनिधि शशि मोदी, महारुद्र यज्ञ के सचिव पप्पू तांती और रघुनंदन प्रेमी ने किया। इन प्रमुख आयोजकों ने बताया कि इस महारुद्र यज्ञ का उद्देश्य समाज में धर्म और अध्यात्म की जागरूकता फैलाना है।
शशि मोदी ने कहा,
“इस महारुद्र यज्ञ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में सद्भावना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करना है। हम चाहते हैं कि भागलपुर के लोग इस यज्ञ के माध्यम से शिव शक्ति की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।”
सचिव पप्पू तांती ने कहा,
“यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि सामाजिक एकता और शांति का प्रतीक भी है। इस आयोजन के माध्यम से हम समाज को जोड़ने और लोगों में अध्यात्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।”
सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
इस शोभा यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल ने पूरी मुस्तैदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभाली। यात्रा के मार्ग पर ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की विशेष टीम तैनात की गई थी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
यात्रा स्थल पर चिकित्सा सहायता और जलपान की भी उचित व्यवस्था की गई थी। आयोजकों ने बताया कि यज्ञ के दौरान हर दिन श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद वितरण और लंगर का भी आयोजन किया जाएगा।
भक्ति, संगीत और सांस्कृतिक समागम
शोभा यात्रा के दौरान भक्ति संगीत की मधुर धुनों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों के साथ भक्तगण झूमते हुए भक्ति में डूबे नजर आए। भजन-कीर्तन, डमरू की धुन और शंखनाद ने माहौल को पूरी तरह से शिवमय बना दिया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से धार्मिक कथाओं का भी सुंदर वर्णन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया।
यज्ञ का धार्मिक और सामाजिक महत्व
महारुद्र यज्ञ का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है। माना जाता है कि रुद्र यज्ञ के आयोजन से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। रुद्र का अर्थ है “दुःखों का नाश करने वाला”, और इस यज्ञ के माध्यम से जीवन की कठिनाइयों, रोग, शोक और संकटों का निवारण होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महारुद्र यज्ञ से:
- परिवार में सुख-शांति आती है।
- समाज में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
भविष्य की तैयारियां और समापन समारोह
आयोजकों ने बताया कि यह यज्ञ पूरे 9 दिनों तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठान, हवन, कथा और प्रवचन होंगे। अंतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है।
समापन समारोह में सामूहिक आरती और हवन के साथ यज्ञ को पूर्णता प्रदान की जाएगी। समापन के दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भगवान शिव और शक्ति की महिमा का गुणगान किया जाएगा।
निष्कर्ष
भागलपुर के कुतुबगंज काली मंदिर में आयोजित श्री श्री 108 शिव शक्ति महारुद्र यज्ञ और उसकी भव्य कलश शोभा यात्रा ने पूरे क्षेत्र को धार्मिक आस्था और भक्ति के रंग में रंग दिया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस 9 दिवसीय यज्ञ से भागलपुरवासियों को अध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा और समाज में शांति, प्रेम और भाईचारे की भावना प्रबल होगी। आयोजकों और श्रद्धालुओं का यही उद्देश्य है कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक परिवर्तन और सद्भावना को बढ़ावा दें।