भागलपुर: वक्फ एमेंडमेंट एक्ट के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIS) पार्टी द्वारा आज भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत पुरैनी बाजार में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में AIMIS के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अख्तरूल ईमान और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट आदिल हसन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 

कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, स्थानीय लोग और विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। मंच से संबोधित करते हुए एडवोकेट आदिल हसन ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार वक्फ संपत्तियों के मामले में जानबूझकर हस्तक्षेप कर रही है, जो सीधे तौर पर संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं की देखरेख करता है। इस पर सरकार का सीधा दखल संविधान की आत्मा के साथ छेड़छाड़ के समान है।” 

आदिल हसन ने कहा कि वक्फ एमेंडमेंट एक्ट के जरिए सरकार अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता और उनके अधिकारों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह हस्तक्षेप बंद नहीं हुआ तो देशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

अपने संबोधन में आदिल हसन ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “हम पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हैं। पाकिस्तान की तरफ से लगातार भारत की सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसका सख्त जवाब दे।” उन्होंने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय से यह मांग की कि पाकिस्तान को जल्द से जल्द इस कायराना हमले का माकूल जवाब दिया जाए, ताकि देश की सीमाएं सुरक्षित रह सकें और आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लग सके। 

वहीं, AIMIS प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरूल ईमान ने अपने भाषण में कहा कि वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण का प्रयास अल्पसंख्यकों की सामाजिक और धार्मिक आज़ादी को खत्म करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि AIMIS पार्टी न केवल इस काले कानून के खिलाफ आवाज़ उठाएगी बल्कि जरूरत पड़ी तो न्यायालय तक जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने हक और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हों और शांतिपूर्ण तरीके से लोकतांत्रिक विरोध दर्ज कराएं। 

धरना-प्रदर्शन के अंत में एक ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा गया जिसमें वक्फ एमेंडमेंट एक्ट को वापस लेने, वक्फ बोर्ड को स्वतंत्र रूप से कार्य करने देने और अल्पसंख्यकों की संपत्तियों की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई। 

प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे, और पुलिस प्रशासन पूरे समय मौके पर मुस्तैद रहा। कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। 

AIMIS की यह पहल बिहार ही नहीं, पूरे देश के अल्पसंख्यक समुदाय में एक नई चेतना जगाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। पार्टी नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी सूरत में अपने धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे। 

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