बिहार के लोगों के लिए यह अच्छी खबर है। राज्य में दो और कोयला खदानों का पता लगा है। यह खदान भागलपुर जिले में मालूम चला है। उम्मीद की जा रही है कि इससे आने वाले समय में कोयला भंडार और बेहतर हो जाएगा। इस बात की जानकारी कोयला मंत्रालय के अधिकारी ने दी है।
दरअसल, रांची स्थित सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (सीपीएसई) के गहन अन्वेषण और भूवैज्ञानिक विश्लेषण के बाद कोल माइन प्लानिंग और डियाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड ने मिर्जागांव और लक्ष्मीपुर में दो नए कोयला खदान की पहचान की है। सीएमपीडीआई ने कहलगांव रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर मंदार पर्वत के पास बिहार में पहले कोयले के भंडार का पता लगाया था। इसके पास लगभग 340 मिलियन टन का भंडार है। कोयला मंत्रालय द्वारा हाल ही में 141 खानों की बोली में मंदार पर्वत कोयला ब्लॉक को नीलामी के लिए रखा गया था। हालांकि, इसे कोई बोली लगाने वाला नहीं मिला।
वहीं, सीएमपीडीआई रिपोर्ट के अनुसार, मिर्जागांव कोयला ब्लॉक, जिसका अनुमानित भंडार 2300 मीट्रिक टन है, जो 37 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। एमपीडीआई के विशेषज्ञ ने बताया कि मिर्जागांव ब्लॉक एक विशाल रिजर्व है और इसलिए इसे आसान खनन के लिए दो उप-ब्लॉकों, उत्तर और दक्षिण में बांटा गया है।
आपको बताते चलें कि, राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोयला खनन, जिसके बाद पर्यावरणीय चुनौती भी जुड़ी है। जो राज्य के राजस्व में इजाफा करेगा। कोयले का खनन, एक बार शुरू हो जाने के बाद, बिहार में थर्मल पावर स्टेशनों और अन्य उद्योगों को कोयले की आपूर्ति की समस्या भी कम हो जाएगी।