बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार की सरकार एक साल में दस लाख नौकरी दे देती है तो वो नीतीश को अपना नेता मानकर जेडीयू का झंडा उठा लेंगे।
चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बनने की प्रक्रिया में जन सुराज यात्रा लेकर बिहार में घूम रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार एक साल में दस लाख नौकरी दे देती है तो वो नीतीश कुमार को अपना नेता मान लेंगे और उनकी पार्टी का झंडा लेकर घूमने लगेंगे। प्रशांत ने कहा कि अगर नीतीश कुमार 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो वो 2015 की तरह फिर उनके लिए काम करने लगेंगे, उनको सर्वज्ञानी मान लेंगे और मान लेंगे कि ऊपर भगवान हैं और नीचे नीतीश कुमार ही हैं।
भागलपुर में मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की उस टिप्पणी का जवाब दे रहे थे जिसमें नीतीश ने कहा था कि प्रशांत किशोर को एबीसी नहीं पता है कि बिहार में क्या-क्या काम हुआ है। नीतीश ने प्रशांत की मंशा पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा था कि क्या पता बीजेपी को फायदा पहुंचाना चाहते हों।
प्रशांत ने नीतीश की टिप्पणी पर कहा- ठीक है भाई हमें एबीसी का ज्ञान नहीं है, आपको तो ए से लेकर जेड तक का ज्ञान है। आप ही बता दीजिए कि क्या-क्या काम हुआ है।” प्रशांत ने आगे कहा कि अगर नीतीश एक साल में 10 लाख लोगों को नौकरी देकर दिखा देते हैं तो वो उनको नेता मानकर उनकी पार्टी का झंडा लेकर घूमने लगेंगे। प्रशांत ने कहा कि एक साल का एक महीना निकल भी चुका है और 11 महीना बचा है। 12 महीना होने दीजिए जिसके बाद वो पूछेंगे कि किसको ABC का ज्ञान है और किसको XYZ का।
बिहार की राजनीति महागठबंधन सरकार बनने के बाद से ही नौकरी के वादें पर घूम रही है। तेजस्वी ने 2020 के चुनाव में वादा किया था कि आरजेडी की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरी का फैसला होगा। महागठबंधन सरकार बनने के बाद उन्होंने कहा कि ये गठबंधन सरकार है, आरजेडी की नहीं। फिर नीतीश कुमार ने तेजस्वी की पीठ पर हाथ रखा और कहा कि हम तो चाहते हैं कि दस नहीं बीस लाख लोगों को रोजगार मिले।