कर्नाटक के स्कूल और कॉलेज में हिजाब अनिवार्य करने को लेकर विवाद जारी है। इस बीच राज्य विधानसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर यूटी खादर ने छात्राओं को उनकी यूनिफॉर्म के समान रंग के हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत मिलने की मांग की है। विधानसभा को संबोधित करते हुए खादर ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथ नारायण और प्राथमिक शिक्षा मंत्री बी नागेश से इसे लेकर अपील की। उन्होंने कहा कि छात्राओं को परीक्षा देने की इजाजत मिलनी चाहिए क्योंकि यह उन लड़कियों के भविष्य के लिए बहुत अहम है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने भी राज्य सरकार से लड़कियों को परीक्षा देने की अनुमति देने की मांग की। वहीं, प्राथमिक शिक्षा मंत्री बी नागेश ने जवाब दिया कि हमें उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना होगा। भाजपा विधायकों ने हिजाब मुद्दे पर सवाल उठाए और कहा कि स्टूडेंट्स को हाई कोर्ट के फैसले का पालन और सम्मान करना चाहिए।
SC ने सुनवाई के लिए तारीख तय करने से इनकार किया
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तारीख तय करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। सीनियर वकील देवदत्त कामत ने कर्नाटक में 28 मार्च से आयोजित होने वाली परीक्षाओं का उल्लेख करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ छात्राओं की याचिका पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। इस पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसका परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक संवेदनशील मामला है।
कर्नाटक में 28 मार्च से होनी हैं परीक्षाएं
इससे पहले भी अदालत ने हिजाब विवाद पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि होली की छुट्टियों के बाद इस पर विचार किया जाएगा। गुरुवार को चीफ जस्टिस के समक्ष इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए रखा गया था। इस दौरान एडवोकेट कामत ने कहा कि 28 मार्च से छात्रों की परीक्षाएं होने वाली हैं। ऐसे में यदि उन्हें हिजाब के साथ एंट्री नहीं दी गई तो फिर उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा।