सुनने-पढ़ने में थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन सच्चाई यही है कि बिहार की बेटियां (स्कूली किशोरियां) तंबाकू के सेवन करने में यहां के लड़कों से कहीं आगे जा रही हैं।
हालांकि बिहार की बेटियां जब आगे जाकर परिपक्व बनती हैं तो तंबाकू से तौबा कर लेती हैं।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार भगत स्कूली छात्रों में नशा के प्रति बढ़ रही इस आदत को खुद को परिपक्व और मॉडर्न दिखाने की चाहत से जोड़ते हैं।
ये बातें देशभर में कराए गए ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे में उभरकर सामने आई।
इस सर्वे में राज्य के 35 स्कूल में पढ़ने वाले 13 से 15 साल के 3184 छात्रों को शामिल किया गया। 35 स्कूल में से 31 स्कूल सरकारी तो चार स्कूल निजी थे। हालांकि इनमें से इस सर्वे में पूछे गये सवाल आदि से रूबरू 2748 छात्र ही हुए। इसे साल 2019 में किया गया था।
सात प्रतिशत से अधिक स्कूली छात्र तंबाकू का सेवन करते पाए गए
सर्वे में 7.3 प्रतिशत स्कूली छात्र किसी भी प्रकार का तंबाकू सेवन करते पाये गये।
6.6 प्रतिशत किशोर किसी भी प्रकार का तंबाकू का सेवन कर रहे हैं तो वहीं आठ प्रतिशत किशोरियां भी मिलीं।
चार प्रतिशत किशोर तो 5.4 प्रतिशत किशोरियां धूम्रपान करती मिलीं। वहीं दो प्रतिशत छात्र सिगरेट के शौकीन तो ढाई प्रतिशत स्कूली छात्र सिगरेट की आदती निकली।
बीड़ी में ये आंकड़ा उलटता मिला। जहां दो प्रतिशत किशोर बीड़ी के आदती तो महज 1.6 प्रतिशत किशोरियां बीड़ी पीती मिलीं।
पान मसाला, सुर्ती में 3.2 प्रतिशत किशोरियों की तुलना में 3.3 प्रतिशत किशोर छात्र इसके सेवन करते मिले। बड़ी बात ये कि सर्वे में शामिल छात्रों में से जहां 62 प्रतिशत जानते थे कि तंबाकू या धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बावजूद वे तंबाकू का सेवन या फिर धूम्रपान करते हैें।
52 प्रतिशत छात्र इस बात के समर्थन में थे कि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
जिले की 2.4 महिलाएं करती हैं तंबाकू का सेवन
वहीं अगर हम एनएफएचएस-5 के आंकड़ों की बात करें तो जिले की 15 साल या इससे अधिक उम्र की 2.4 प्रतिशत किशोरी, युवतियां या महिलाएं किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन करती हैं।
वहीं जिले के 47.3 प्रतिशत किशोर व वयस्क किसी प्रकार के तंबाकू का सेवन करते हैं।
इनमें पान मसाला, बीड़ी व सिगरेट का सेवन शामिल है। वहीं शराबबंदी के बावजूद 15 साल या इससे अधिक उम्र की 0.2 प्रतिशत महिलाएं जहां शराब पीती हैं तो वहीं 21.2 प्रतिशत पुरूष भी शराब पीते हैं।
ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
30 प्रतिशत छात्रों व19 प्रतिशत छात्राओं ने बीते 12 माह में धूम्रपान छोड़ने का प्रयास किया था।
जबकि 29 प्रतिशत छात्रों ने धूम्रपान छोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली।
वहीं 14 प्रतिशत स्कूली छात्र सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू का सेवन या धूम्रपान करते पकड़े गये
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी स्कूल कोटपा अधिनियम 2003 को लेकर जागरूक मिले।
97 प्रतिशत स्कूलों के बाहर तंबाकू मुक्त विद्यालय का बोर्ड लगा मिला। जागरूक मिले। 5.4 प्रतिशत स्कूली छात्र अपने घर में धूम्रपान करते पकड़े जा चुके हैं।