बिहार के सीमांचल जिलों के कई स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी पर बखेरा खड़ा हो गया है. सीमांचल के मुस्लिम बहुल आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है. जबकि उसी जिले में गैर मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में रविवार को छुट्टी रहती है. स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी को बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने शरिया कानून जैसा बताया है.
पटना: बीजेपी के सभी सात मोर्चों की दो दिन की संयुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज से बिहार की राजधानी पटना में हो रही है. पटना के ज्ञान भवन में आयोजित बैठक में शामिल होने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह भी पटना पहुंचे. यहां उन्होंने स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी को कानून का उल्लंघन बताया है.
‘स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी शरिया कानून जैसा’ : केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि, ”पहले ये बातें उत्तर प्रदेश में सामने आई थी उसके बाद अब बिहार में यही हो रहा है. कानून का राज होना चाहिए. कानून के मुताबिक, आजादी के समय से ही रविवार को स्कूलों, ऑफिस में छुट्टी मिलती है. रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी कानून सम्मत नहीं है. स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी शरिया कानून जैसा है.”
बता दें कि झारखंड के बाद अब बिहार के सीमांचल के करीब पांच सौ स्कूल में भी रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी देने का मामला सामने आया है. मुस्लिम बहुल आबादी वाले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिले के सरकारी स्कूलों में इस परंपरा का पालन किया जा रहा है.
किशनगंज के 37 स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी: मुस्लिम बहुल आबादी वाले किशनगंज जिले के सरकारी स्कूलों में अलग अलग कानून चल रहा है. मुस्लिम आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है जबकि रविवार को बंद रहता है. जिला में कुल 37 स्कूलो में बिहार के सरकारी नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. जिसके कारण सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बता दें कि किशनगंज जिले में 68 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में जिन सरकारी स्कूलों में 60 फीसदी बच्चे मुस्लिम हैं, वहां साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को होती.
अररिया के 167 सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी: अररिया जिले के जोकीहाट ब्लॉक में 244 सरकारी स्कूलों में से 167 में साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को होता है, जबकि 77 स्कूलों में रविवार की छुट्टी होती है. जोकीहाट ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) शिव नारायण सुमन इस बात की पुष्टि करते है. उनके मुताबिक, ”यहां शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश की परंपरा शुरू से चली आ रही है.”
कटिहार में 100, पूर्णिया में कई स्कूलों में जुमे की छुट्टी: कटिहार के 100 स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कामेश्वर प्रसाद ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा हैं कि स्कूल में मुस्लिम छात्रों की संख्या अधिक है, इसलिए छुट्टी के दिन बदल गए. वहीं पूर्णिया के कई स्कूलों में शुक्रवार को सरकारी छुट्टी की बात सामने आई है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. पूर्णिया के प्राथमिक विद्यालय सिमलबाड़ी टोला ज्ञानडोभ के प्रभारी प्रधानाध्यापक अब्दुल कयूम ने बताया कि ”स्कूल में शुक्रवार को अवकाश रहता है, जबाकि रविवार को खुला रहता है. ऐसा पूर्व से हो रहा है.”
175 साल पहले शुरू हुई थी संडे की छुट्टी: अब सवाल ये है कि रविवार की छुट्टी का इतिहास क्या है और ये कब शुरू हुई होगी. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संस्था ISO के अनुसार रविवार का दिन सप्ताह का आखिरी दिन माना जाएगा और इसी दिन कॉमन छुट्टी रहती है. इस बात को 1986 में मान्यता दी गई थी लेकिन इसके पीछे ब्रिटिशर्स को कारण माना जाता है. असल में 1843 में अंग्रेजों के गवर्नर जनरल ने सबसे पहले इस आदेश को पारित किया था.
रविवार को ही छुट्टी क्यों? : बात करें भारत की तो, अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में बड़ा मजदूर वर्ग सातों दिन काम करते थे. इस मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही थी. इन्हें खाना खाने के लिए भी समय नहीं दिया जाता था. तब 1857 ई में मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों के हक में आवाज उठाई थी. जिसके बाद 10 जून 1890 को अंग्रेजी हुकूमत ने रविवार के दिन छुट्टी घोषित की. हालांकि, ज्यादातर मुस्लिम देशों में शुक्रवार को इबादत का दिन माना जाता है. इस कारण से वहां रविवार की जगह शुक्रवार को ही छुट्टी होती है.