इंग्लिश तारापुर नेशनल हाईवे पर भरको चौक के समीप आज माउंट एस ए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का आधारशीला विधिवत सनातनी संस्कृति के अनुसार पूजा पद्धति के द्वारा भरको निवासी अमरपुर क्षेत्र के प्रसिद्ध एवम ख्यातिप्राप्त शिक्षक एवं डुमरामा स्कूल से सेवानिवृत प्रिंसिपल श्री शिव शंकर दास एवम अंग क्षेत्र के प्रसिद्ध शिषुरोग विशेषज्ञ, समाज सेवा में विशिष्ठ स्थान रखने वाले एवं जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ भागलपुर के जिलाध्यक्ष डॉ अजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से रखी गई।


ज्ञातव्य हो कि इसका आधारशीला माननीय ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज द्वारा किया गया जाना तय हुआ था लेकिन उनको कोराेना का संक्रमण हो गया अतः वो नहीं आ सके।


इस मौके पर सैकड़ों की संख्यां में आसपास के लोग इस शुभ घड़ी के गवाह बनने आए। लोगों में स्कूल को लेकर काफी उत्सुकता थी। लोगों ने कहा कि एक अच्छी स्कूल इस क्षेत्र की जरुरत थी।

इस मौके पर स्कूल के एक निदेशक एवं संस्थापक श्री शिव शंकर दास ने कहा कि आज स्कूल के भवन का नीव ही नहीं रख रहा हुं बल्कि अमरपुर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नए आयाम का नींव रख रहा हुं। मैने ईमानदारी से और कर्मठता से सरकारी स्कूलों में पठन पाठन का कार्य वर्षो से किया हूं।

उस जमाने में सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बहुत ज्यादा थी लेकिन आज प्राईवेट स्कूलों में जिस तरह का सर्वांगीण विकास बच्चो में किया जाता है वह विद्यार्थी के जीवन में बहुत खास होता है। आज मेरे जीवन का सपना भागलपुर के प्रसिद्ध शिशुरोग विशेषज्ञ एवं विभिन्न सामाजिक जिम्मेदारियों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉअजय कुमार सिंह के साथ देने से पूरा होने वाला है। यह स्कूल भविष्य में अमरपुर ही नहीं अंग क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में से सबसे विशिष्ठ स्थान प्राप्त कर बच्चों के भविष्य को सफलता की शिखर तक ले जायेगा।


वहीं दो में से एक संस्थापक एवं निदेशक डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा ही वह अस्त्र है जिससे किसी क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक स्वरूप में बदलाव लाया जा सकता है। शिक्षा अमीरों के लिए आभूषण है, गरीबों के लिए रोटी है, बच्चों के लिए अंकुश है और समाज को बदलने का सबसे सक्षम जरिया है।

चिकित्सा के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में जरुर नई गाथा लिखूंगा ऐसा विश्वास है। साथ ही गरीब एवम मेधावी छात्रों, बच्चियों के लिए संस्थान विषेष आर्थिक छूट देगी और कोशिश रहेगी कि कोई मेधावी छात्र की पढ़ाई अर्थ के अभाव में नहीं रुके।

मैने जो श्री शिवशंकर दास के बारे में इस क्षेत्र के लोगों से सुना है, मैं निश्चिंत हुं कि उनके निर्देशन में अपने नाम के अनुरूप यह स्कूल स्थापित होगा और बच्चों के भविष्य को ना केवल सावरेगा उसे एक नेक एवम कर्तव्यनिस्ठ इंसान बनाने में सफल होगा

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