बीते 24 घंटों में नेपाल में भारी बारिश के चलते उत्तर बिहार के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
गंडक, कोसी से लेकर कई नदियां उफान पर है। ऐसे में गंडक और कोसी बराज पर दबाव बढ़ने से सभी गेट खोल दिए गए। गंडक नदी में 3.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तो वहीं कोसी नदी में 2.30 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। इन नदियों में भारी मात्रा में बारिश का पानी आने के बाद कोसी के वीरपुर बराज और गंडक के वाल्मीकिनगर बराज के सारे गेट खोल दिए गए। इससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
आपको बता दें गंडक नदी में हर घंटे दो सेंटीमीटर तो कोसी में हर घंटे एक सेंटीमीटर पानी बढ़ रहा है। वही गंगा की बात करें तो गंगा भी खतरे के निशान के ऊपर हैं।
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भागलपुर के कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से महज 31 सेंटीमीटर नीचे है।
पटना के गांधीघाट में भी गंगा का पानी खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। सोन और पुनपुन नदियां भी उफान पर हैं। इस क्रम को देखते हुए पूरे बिहार को अलर्ट किया गया है। तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। उफनती नदियों के तटबंधों की विशेष चौकसी की जा रही है। इंजीनियरों और अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। कटाव या टूट-फूट की सूचना तुरंत मुख्यालय तक भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।