बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में उस समय अफरा- तफरी मच गई जब उत्पाद विभाग के एक पुलिसकर्मी और वकील आपस में भिड़ गए। इन दोनों के बीच जमकर हाथापाई हुई है। पुलिस ने वकील पर बेल्ट से पिटाई करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर पुलिसकर्मी पर वकील ने कॉलर पकड़ने का आरोप लगाया है।

दरअसल, उत्पाद विभाग की टीम ने  नूरसराय थाना इलाके के अंधना गांव से शराब के मामले में एक किशोर को पकड़ा।  उसके बाद उसे अरेस्ट कर  थाना लाया गया। जहां बाल सुधार गृह भेजने से पहले किशोर की मेडिकल जांच करानी थी। इसलिए उसे बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया। तभी वहां वकील भी पहुंच गया। इस दौरान पुलिसकर्मी ओर वकील में कहासुनी हो गई। पुलिस का कहना था कि वो वकील को मेडिकल जांच के दौरान साथ रहने की अनुमति नहीं दे सकते।  जबकि वकील का कहना था कि, वो कोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल जांच के समय साथ था। 

वहीं, वकील जितेंद्र कुमार ने बताया कि उत्पाद विभाग की टीम द्वारा शराब मामले में अरेस्ट किशोर के साथ पिटाई की गई थी। किशोर को जेजेबी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था तो उस समय बालक ने पिटाई के बारे में बताया था।  जांच के आदेश के बाद दोबारा मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजने की बात कही गई। जांच के आदेश पर उन्हें भी साथ रहने का आदेश दिया गया था। मेडिकल जांच के समय उत्पाद विभाग की पुलिस अपने मोबाइल में फोटो खींची थी। मना करने पर उनका कॉलर पकड़ लिया तब विवाद बढ़ गया। 

इधर, इस मामले में उत्पाद विभाग के दारोगा अंजनी कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए किशोर को कोर्ट के आदेश के बाद सदर अस्पताल भेजा गया था। जांच के समय वकील द्वारा डिस्टर्ब किया जा रहा था। उन्हें सूचना मिली कि सदर अस्पताल में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट और पुलिस की वर्दी को फाड़ दिया गया है। बेल्ट से पिटाई की गई है।  फिलहाल मामला जो भी हो उसकी जांच की जाएगी। 

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