फर्जी किसान बनकर व्यापारी या दलाल अब धान नहीं बेच पाएंगे। इस वर्ष से किसानों का आधार सत्यापन होगा।

इसके लिए राज्य के सभी पैक्स और व्यापार मंडल पर बायोमीट्रिक मशीन लगा दी गई है।

सरकार ने धान बेचने वाले किसानों को 48 घंटे के अंदर भुगतान करने को कहा है।

बिहार में बुधवार से शुरू हो रहे धान खरीद में इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिया है।

धान खरीद में दलालों के जरिए फर्जीवाड़ा रोकने के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है।

रैयत और गैर रैयत किसानों की पहचान इससे होगी।

राज्य के 19 जिलों में बुधवार से धान खरीद शुरू हो रही है। शेष 19 जिलों में 15 नवंबर से धान खरीद होगी।

सहकारिता विभाग की समितियां पैक्स और व्यापार मंडल क्रय केंद्र बनाए गए हैं। बुधवार शाम तक 1205 समितियां निबंधित हुई थीं। वहीं, 1008 चावल मिलों ने भी निबंधन करा लिया है।

सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को हुई विभाग की मासिक बैठक में धान खरीद की समीक्षा की।

48 घंटे के अंदर भुगतान

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग सचिव विनय कुमार ने बताया कि किसानों को 48 घंटे के अंदर भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मिलिंग के बाद चावल जमा करने वाले पैक्सों को भी 72 घंटे के अंदर भुगतान कर दिया जाएगा।

19 जिलों में आज से खरीद

दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सारण, सीवान और गोपालगंज।

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