पहले से ही कर्ज में डूबे पाकिस्तान को बाढ़ ने बुरी तरह से कई समस्याओं के बीच डुबो दिया है. बाढ़ से जान-माल, घरों और सड़कों को तो नुकसान पहुंचा ही है, साथ ही इसकी वजह से स्कूल एजुकेशन सिस्टम भी चौपट हो गया है. बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि स्कूल पानी में डूबे हुए हैं. यहां के सिंध के शिक्षा और संस्कृति मंत्री सैयद सरदार अली शाह का कहना है कि प्रांत में शिक्षा आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. उन्होंने कहा है कि इसकी वजह से प्रांत में 20 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ड्रॉपआउट कर सकते हैं.
स्कूल की इमारतें हो चुकी हैं क्षतिग्रस्त
पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज के अनुसार, शिक्षा मंत्री सैयद सरदार अली शाह ने बताया कि बाढ़ से अधिकतर स्कूल की इमारतें नष्ट हो चुकी हैं. जहां बिल्डिंग सही बची हैं, वहां इतना पानी भरा है कि क्लास लग नहीं सकतीं. इस समस्या से करीब 20 लाख स्टूडेंट्स प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने ये बातें पिछले दिनों हुई एक बैठक में कहीं. ये बैठक उपायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल कोष और विभिन्न कल्याण संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हुई थी. बैठक में सरदार ने कहा कि नुकसान से निपटने के लिए प्रांत में शिक्षा आपातकाल लगाया गया है.
110 जिले में बाढ़ की चपेट में
पाकिस्तान में बाढ़ ने भारी तबाही मचा रखी है. अब तक बाढ़ की वजह से यहां करीब 1100 लोगों की मौत हो चुकी है. 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं. बाढ़ ने सबसे ज्यादा नुकसान इन्फ्रास्ट्रक्चर को पहुंचाया है. यहां की करीब 3 हजार किलोमीटर सड़क बह चुकी है. कई पुल और बांध टूट चुके हैं. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, बाढ़ से इस समय करीब 3 करोड़ लोग प्रभावित हैं. मौसम विभाग के मुताबिक बारिश ने यहां 30 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बारिश से सिर्फ जान की क्षति ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान को इससे अरबों रुपये का भी नुकसान हुआ है.