पटना ।

राज्य के आठ करोड़ गरीबों को दिसंबर का राशन नहीं मिला है। अनाज का साठ फीसदी उठाव होने के बाद वितरण रोक दिया गया है। इसके विरोध में राज्य भर के डीलर एक जनवरी से हड़ताल पर चले गए हैं। इसका खामियाजा राशन कार्डधारियों को भुगतना पड़ रहा है।

नवंबर तक ही बिहार में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का अनाज लाभुकों को दिया गया। दिसंबर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अनाज का साठ फीसदी उठाव हो गया, तब तक केंद्र ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज को 31 दिसंबर के बाद बंद करने की घोषणा कर दी। जनवरी से लाभुकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया गया है लेकिन यह अनाज भी अभी लाभुकों को नहीं दिया गया है।

करीब 2 अनाज बंटा

जनवरी में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अभी अनाज बंटना शुरू हुआ था कि फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल पर चले जाने की घोषणा कर दी। इससे राज्यभर के राशन डीलरों ने अनाज बांटना बंद कर दिया है, तब तक जनवरी में करीब दो फीसदी अनाज बंटा था। हड़ताल पर जाने के बाद जनवितरण विक्रेताओं ने पॉश मशीन जमा कर दिया है।

● राज्य में नवंबर तक का ही राशन बंटा है लाभुकों के बीच

● पहली जनवरी से राज्यभर के राशन दुकानदार हड़ताल पर

दस को पटना में प्रदर्शन करेंगे राशन दुकानदार

फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के चारों गुट हड़ताल में शामिल हैं। इस कारण इस बार राशन का बंटना पूरी तरह से बंद है। एसोसिएशन का कहना है कि दस जनवरी को पटना में प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी सूचना खाद्य आपूर्ति विभाग को दे दी गई है। एसोसिएशन के महासचिव वरुण कुमार सिंह का कहना है कि उठाव के बाद वितरण नहीं होने से डीलरों को मार्जिन मनी का घाटा हुआ है। इसके अलावा आठ सूत्री मांग को लेकर प्रदेशभर के जनवितरण विक्रेताओं ने राशन बांटना बंद कर दिया है। इन मांगों में तीस हजार रुपये मानदेय, मार्जिन मनी बढ़ाकर 90 रुपये से 300 रुपये करने, पहले की तरह अनुकंपा पर नियुक्ति, राज्य खाद्य निगम के गोदाम में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन लगाना आदि शामिल है।

परेशानी

दिसंबर का उठाव जनवरी में समाहित

राशन डीलरों के यहां दिसंबर के अनाज का साठ फीसदी उठाव हो चुका था। राशन डीलरों के यहां भी यह अनाज पहुंचा दिया गया। अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज योजना बंद होने के बाद डीलरों के यहां पहुंचे अनाज को जनवरी में समाहित करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, अभी तक डीलरों ने अनाज बांटा नहीं है।

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