भागलपुर स्मार्ट सिटी स्वच्छता रैंकिंग में लगातार पिछड़ रहा है। लेकिन वह अपनी स्थिति काे सुधारने के लिए काेई जतन नहीं कर रहा है। जबकि पटना नगर निगम ने इंदाैर काे नंबर वन बनाने वाली एजेंसी काे एक साल के लिए हायर कर लिया है। अब वहां एजेंसी की टीम रैंकिग काे सुधारने के लिए काम इंदाैर के तर्ज पर काम शुरू कर चुकी है। पटना जहां माेहल्लाें से कचरा डंपिंग प्वाइंट हटा रहा है, वहीं भागलपुर नगर निगम गंगा के किनारे शहर का कचरा डंप कर रहा है। मुसहरी घाट पर शहर का कचरा पसरा है।

अगले माह जब सर्वेक्षण के लिए केंद्रीय टीम आएगी ताे पटना नगर निगम की रैंकिंग में इस बार सुधार हाेने की गुंजाइश है जबकि भागलपुर नगर निगम फिर पिछड़ जाएगा। भागलपुर नगर निगम की हालत यह है कि वह अपने संसाधन तक का सही से उपयाेग नहीं कर रहा है। निगम में आठ दिन पहले आए चार हाईवा काे काम पर नहीं लगा सका है। यह थर्ड पार्टी के इंतजार में खड़े हैं, जब तक उसकी जांच नहीं हाेगी, इनका इस्तेमाल नहीं हाेगा।

जबकि शहर के 51 वार्डाें से राेज निकलने वाले 250 टन कूड़ा काे डंपिंग ग्राउंड पहुंचाने के लिए गाड़ियाें की कमी है। अभी यह काम छाेटी गाड़ियाें से हाे रहा है। निगम के पास 1200 सफाईकर्मियाें की फाैज है। इसके बावजूद शहर की गलियाें व मेन राेड से हर दिन कूड़े का उठाव नहीं हो पा रहा है।

पांच अफसराें के पद खाली, माॅनिटरिंग में भी परेशानी
पिछली बार निगम ने प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने काे लेकर लगातार एक माह तक सामाजिक संगठन के सदस्य काे ब्रांड एंबेसडर बनाकर प्रचार-प्रसार कराया था। लेकिन इस बार निगम की इस तरह की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। अभी नगर निगम में सिटी मैनेजर के दाे व डिप्टी नगर आयुक्त के तीन पद खाली हैं। इसलिए काम की ठीक से माॅनिटिरिंग भी नहीं हाे पा रही है।

संसाधनाें काे बेहतर बना रहे हैं
स्वच्छता सर्वेक्षण काे लेकर जाे डाटा केंद्रीय टीम ने मांगा था, वह भेजा है। चार नए हाईवा काे जांच के बाद काम पर लगाया जाएगा। डंपिंग ग्राउंड के बाउंड्री व संसाधनाें के लिए टेंडर निकला है। जागरूकता का काम भी जल्द शुरू हाेगा। – अजय शर्मा, स्वच्छता प्रभारी, निगम

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