सहरसा जिला जहाँ मंडल कारा सहरसा की स्थिति इन दिनों सामान्य नहीं है।मुख्य मंत्री की पूर्ण नशा बंदी अभियान को ठेंगा दिखाते हुए काराकर्मियों की संलिप्तता में धड़ल्ले से यहां गांजा, चरस,कोरेक्स, नशीली दवाइयां, ब्राउन शुगर, स्मैक के कारोबार फल- फुल रहे हैं। 3 हज़ार में एंड्रॉयड स्मार्टफोन और एक हजार में छोटे मोबाईल फोन धड़ल्ले से जेल के घुसाए जाते हैं।

इसकी आपूर्ति गेट द्वारा या वॉच टॉवर की देख- रेख में बाउंड्री पार से फिकवा कर करवाई जाती है। इसमें एक आध अधिकारियों के अलावा मुख्य कक्षपाल, उच्च कक्षपाल और गिनती के कुछ कक्षपालो की खुले आम संलिप्तता है। जेल में यह कारोबार प्रति सप्ताह लाखों में है। जो सघन जांच का विषय है। पकड़ाने पर इनपर कोई कार्रवाई नहीं होती। इन ड्रग्स माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ा है कि वो अब अधीक्षक के कार्यालय में बैठ जेल से ही बाहर भी अपना व्यवसाय संचालित करते हैं।

कारोबार पकड़ में न आए इसके लिए ये जेल सीसीटीवी कैमरा और स्क्रीन तोड़ देते हैं और शिकायत के बावजूद उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती।
हालात ये हैं कि यहां 80% से ज्यादा युवा आज अनेकों तरह के नशा के शिकार हो चुके हैं। यकीन न हो तो कभी भी नशा मापक यंत्र के साथ जेल का निरीक्षण करवाई जाए।
भले लोगों द्वारा इसकी शिकायत करने पर जहां जेल प्रशासन उल्टे उसे ही निशाने पर लेकर किसी बहाने से मार- पीट और जलील करते हैं, वहीं ड्रग्स माफियाओं द्वारा घर लूट लेने और जान से मारने की धमकी देते हैं। आज यहां किसी भले मानुष की भी इज़्जत और जान- माल सुरक्षित नहीं है।

इन माफियाओं के इशारे पर पिछले एक सप्ताह में (04/09/2022और 08/09/2022को)छोटी- मोटी बातों पर डराने- धमकाने और मुंह बंद कराने के उद्देश्य से बेवजह दो- दो बार दर्जनों की संख्या में गृह रक्षा वाहिनी, सैप, जेल पुलिस और बीएमपी के जवानों को अंदर घुसा कर सैकड़ों की संख्या में निर्दोष बंदियों को बुरी तरह मारकर गंभीर रूप से ज़ख्मी कर दिया गया। सर, पैर, हाथ- तोड़ दिए गए।यहां तक कि बूढ़े -बच्चों और अस्पताल में भर्ती मरीजों तक को बक्सा नहीं गया और आवाज उठाने पर मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ दोषी और प्रायः बेकसूर बंदियों को बिना संबंधित कोर्ट के आदेश और कारा हस्तक के नियानुसार परिजनों को सूचित किए बगैर बेरहमी से पीटकर रातों- रात अन्यत्र तबादला कर दिया गया।

जिनमे से अभिजीत सिंह, विजय ठाकुर और सीटी मियां की हालत अत्यंत नाजुक है।
वर्तमान में मंडल कारा सहरसा की स्थिति बिल्कुल भयावह है। यहां न्यायिक अथवा उच्च स्तरीय जांच की निहायत जरूरत है।
वही नीरज कुमार ‘बबलू’ ने मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अपील किया है कि वे विषय की गंभीरता को देखते हुए तुरत हस्तक्षेप कर समय रहते न्यायोचित हल निकालें।

By Indradev Kumar

Patrakar

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