नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मंगलवार को एलएसडी ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती की है. अपराध की दुनिया का ये अब तक का सबसे बड़ा चौंकाने वाला खुलासा है. एनसीबी ने दावा किया है कि ड्रग्स का ये काला कारोबार डार्क वेब के माध्यम से संचालित हो रहा था. इसी के साथ अखिल भारतीय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया है.
एलएसडी का मतलब होता है-लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड यह प्रकार का सिंथेटिक केमिकल होता है. जिसका इस्तेमाल इंसान को दिमागी तौर शून्य करने के लिए किया जाता है. यह नशा से भी ज्यादा घातक होता है. इसके इस्तेमाल से इंसान बिल्कुल बेसुध-बेहोश हो जाता है.
पिछले दो दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इस अभियान के माध्यम से कुल 15,000 LSD ड्रग ब्लॉट्स जब्त किए है और छह लोगों को गिरफ्तार किया है. चौंकाने वाली बात ये कि ये लोग क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल कर रहे थे और डार्क वेब के जरिए काम कर रहे थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीबी के उप-महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा-हमने दो मामलों में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और एलएसडी दवा के 15,000 ब्लॉट्स जब्त किए हैं. इस दवा की मात्रा महज 0.1 ग्राम है. यह एक प्रकार की सिंथेटिक दवा है और बहुत खतरनाक होती है.
एनसीबी के डिप्टी डीजी ने कहा कि एलएसडी ड्रग्स की शहरी युवाओं के बीच काफी मांग है. इसका इस्तेमाल करने वाले पढ़े-लिखे और अमीर युवा हैं.
NCB के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया है कि इस नेटवर्क ने ‘डार्क नेट’ का इस्तेमाल किया है. इस नेटवर्क को चलाने के लिए भुगतान क्रिप्टोकरंसी के साथ-साथ क्रिप्टो वॉलेट के माध्यम से भी किया जाता था. चौंकाने वाली बात ये कि इसमें खरीदार और विक्रेता का आमना-सामना नहीं होता था, और व्यापार हो जाता था.
‘डार्क वेब’ को ही ‘डार्क नेट’ भी कहा जाता है. यह ओनियन राउटिंग ब्राउजर पर काम करता है. इसमें एक साथ कई आईपी अड्रेस होती हैं. इसे ट्रेस करना आसान नहीं. अपराधी इनका इतनी बारीकी से इस्तेमाल करते हैं वे जल्दी से पकड़ में नहीं आते. हालांकि साइबर मामलों के एक्सपर्ट की नजरों से क्रिमिनल बच नहीं पाते.
अवैध तौर पर किन्हीं गुु्प्त वस्तुओं को बेचने, खरीदने और जांच एजेंसियों की नजरों से बचने के लिए इसका उपयोग में जाता है. इसके माध्यम से नशीले पदार्थों की बिक्री, कांट्रैक्ट किलिंग का सौदा, अश्लील सामग्रियों के आदान-प्रदान और अन्य अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है.
ऐसा माना जाता है एलएसडी की तस्करी करना बहुत आसान है लेकिन इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है. वास्तव में कागज के आधे स्टाम्प आकार के टुकड़े को ‘ब्लॉट’ कहा जाता है. जिसका उपयोग दवा ले जाने के साथ-साथ उपभोग करने के लिए किया जाता है. और यही वजह है कि इसका ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है.
यह पोस्टर टिकट जैसा दिखता है. इसपर एक डार्क स्पॉट चिपका होता है, जो मुहर की भांति दिखता है. यह डार्क स्पॉट ही आमतौर पर व्यक्ति निगल जाता है. आकार की वजह से इसे छुपाना और तस्करी करना बहुत आसान हो जाता है. क्योंकि इसे किसी भी दस्तावेज़ के पार्सल या कूरियर में इसे रखकर भेज दिया जाता है.
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