भागलपुर के डा. विश्वनाथ तिवारी ने डेनमार्क में जीता आयरन मैन का टाइटल। डेनमार्क के कापेनहेगेन में 21 अगस्त को हुई थी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता। मूलरूप से भागलपुर के बैजानी के रहने वाले हैं डा. विश्वनाथ। उन्होंने कमाल कर दिया है।
भागलपुर। जब हौसला बुलंद हो तो उम्र या काम किसी भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधक नहीं बनता है। इसका बड़ा उदाहरण हैं मूलरूप से बैजानी के रहने वाले डा. विश्वनाथ तिवारी, जिन्होंने डेनमार्क के कापेनहेगेन में हुई अंतरराष्ट्रीय आयरन मैन प्रतियोगिता में परचम लहराया है। वे दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित नार्थन रेलवे सेंट्रल अस्पताल में बतौर कैंसर सर्जन कार्यरत हैं। डा. तिवारी ने 21 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आयरन मैन प्रतियोगिता में 225.8 किमी (3.8 किमी स्वीमिंग, 180 किमी साइकिलिंग और 42 किमी दौड़) के लक्ष्य को 13 घंटे छह मिनट 23 सेकंड में पूरा किया। इसके बाद उन्हें ‘आयरन मैन’ का टाइटल हासिल किया है।
विशेष बातचीत के दौरान डा. तिवारी ने बताया कि यह प्रतियोगिता विश्व की सबसे कठिन प्रतियोगिताओं में गिनी जाती है। इसमें विश्व के सभी देशों के एथलीट हिस्सा लेते हैं। भारत ने इस प्रतियोगिता में 12 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश के लोग भी शामिल थे। डा. तिवारी ने कहा कि वे मूलरूप से बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भागलपुर से हुई। उन्होंने बैजानी हाई स्कूल से 1991 में दसवीं की परीक्षा पास की। इसके बाद इवनिंग कालेज (अब बीएन कालेज) से 1993 में 12वीं किया।
पटना मेडिकल कालेज से 1995 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। नार्थन रेलवे सेंट्रल हास्पिटल से एमएस सर्जरी किया। 2003 में यूपीएससी आइआरएचएस के बाद नौकरी में आए। वे देश के पहले सर्जन, बिहार के पहले चिकित्सक और पहले रेलवे आफिसर हैं, जिन्होंने ‘आयरन मैन’ का टाइटल जीता है। डा. तिवारी ने कहा कि उन्हें हमेशा से एथलेटिक्स में रूचि थी। 2006 से वे लगाातार आयरन मैन प्रतियोगिता के लिए प्रतिदिन तीन घंटे मैदान में पसीना बहाते हैं।
कड़ी मेहनत का परिणाम हैं, जो उन्होंने यह टाइटल हासिल किया। उन्होंने आम लोगों को संदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन मैदान में शारीरिक व्यायाम करना चाहिए। इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती है। शूगर समेत कई तरह की बीमारियां हैं, जो हमेशा शारीरिक क्रिया के बाद दूर हो जाती हैं। इस कारण लोगों को व्यायाम अपने हर दिन की दिनचर्या में शामिल करना होगा। तभी वे स्वस्थ रह सकेंगे।