सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े सभी दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने शुक्रवार को बिहार सरकार की ओर से पेश वकील मनीष कुमार से कहा कि इस मामले में आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा।
साथ ही मामले की सुनवाई आठ अगस्त के लिए स्थगित कर दी। पीठ ने आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली जी कृष्णैया की पत्नी की याचिका यह निर्देश दिया।
शुरू में राज्य सरकार के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए कुछ वक्त मांगा था। कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य सरकार ने पुरानी तारीख से नीति में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा किया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भेजा नोटिस
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जी. कृष्णैया मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। इसमें हत्याकांड के दोषी को छोड़ने पर मुख्य सचिव व डीजीपी को सात दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है। आयोग की सदस्य अंजू बाला ने बताया कि इस मामले में हम राज्य सरकार के उत्तर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।