इस साल 5 दिन के दीपोत्‍सव पर्व को लेकर अजीब स्थिति बन गई है. 23 अक्‍टूबर 2022 को धनतेरस मनाने के बाद अगले दिन 24 अक्‍टूबर को छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली एक साथ मनाई जाएंगी. वहीं दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण पड़ने से गोवर्धन पूजा को लेकर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. 

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर 24 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. इसलिए उदयातिथि के अनुसार छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 24 अक्‍टूबर को मनाई जाएगी. वहीं 24 अक्टूबर को ही शाम 5 बजकर 28 मिनट से अमावस्या तिथि लग रही है, जो 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. लेकिन 25 अक्टूबर की शाम में प्रदोष काल लगने से पहले ही अमावस्या समाप्त हो रही है. इसलिए बड़ी दिवाली भी 24 अक्‍टूबर को ही मनानी होगी. 

मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए धनतेरस से लेकर बड़ी दिवाली की लक्ष्‍मी पूजा तक का समय सर्वश्रेष्‍ठ रहता है. यदि बड़ी दिवाली पर की जाने वाली लक्ष्‍मी पूजा से पहले यानी कि छोटी दिवाली तक कुछ खास उपाय कर लिए जाएं तो पूरे साल मां लक्ष्‍मी मेहरबान रहती हैं. आइए जानते हैं मां लक्ष्‍मी को खुश करने के उपाय – 

छोटी दिवाली तक घर के टूटे-फूटे बर्तन, जंग लगी चीजें और कचरा बाहर कर दें. घर में अच्‍छी तरह साफ-सफाई करें. इससे मां लक्ष्‍मी हमेशा आपके घर में वास करेंगी. 

घर की साफ-सफाई करने के बाद सभी कोनों में गंगाजल छिड़क दें. इससे घर की नकारात्‍मकता दूर होगी और घर सकारात्‍मकता, खुशियों, समृद्धि से भरेगा. 

दिवाली की पूजा से पहले घर के मुख्‍य द्वार पर स्‍वास्तिक बना लें. जिस घर के मुख्‍य द्वार पर स्‍वास्तिक हो, वहां मां लक्ष्‍मी खूब बरकत देती हैं. 

दिवाली की पूजा से पहले घर के हर हिस्‍से में रंग-बिरंगी लाइटों, असली फूलों से सजावट करें. ताकि मां लक्ष्‍मी आपके घर में प्रवेश करें. 

मां लक्ष्‍मी के स्‍वागत के लिए घर के मुख्‍य द्वार पर रंगोली और दीपक सजाएं. 

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