सहरसा जिला पदाधिकारी श्री दीपेश कुमार के द्वारा प्राथमिक विद्यालय, जेल कॉलोनी सहरसा में बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर **राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस** की शुरुआत की गई। इस अभियान के तहत 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को सरकारी व निजी विद्यालयों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
जिन बच्चों को किसी कारणवश आज दवा नहीं मिल पाई, उन्हें आगामी **19 सितंबर 2025** को *मॉप-अप अभियान* के दौरान दवा खिलाई जाएगी।
बच्चों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी श्री दीपेश कुमार ने कहा कि –
* दवा सरकारी ही नहीं बल्कि निजी विद्यालयों में भी खिलानी अनिवार्य है।
* स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए माइक्रो प्लान तैयार किया है।
* यह ध्यान रखना आवश्यक है कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो तथा खाली पेट दवा न खाई जाए।
* दवा का सेवन लाइन लिस्टिंग के अनुसार शिक्षकों एवं आशा कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कराया जाए।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने बताया कि एल्बेंडाजोल की गोली हमेशा पूरी तरह **चबाकर** खानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दवा के सेवन के बाद कुछ बच्चों में जी मिचलाना, उल्टी या कमजोरी जैसी हल्की शिकायतें हो सकती हैं, जो सामान्य साइड इफेक्ट हैं। ऐसे बच्चों को पूर्ण विश्राम देना चाहिए। किसी भी आपात स्थिति के लिए *रैपिड रिस्पांस टीम* की तैनाती की गई है।
WHO फैक्ट शीट के अनुसार, दुनिया की लगभग 24% आबादी (यानी 150 करोड़ से अधिक लोग) कृमि संक्रमण से प्रभावित हैं। यह संक्रमण बच्चों के **शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा**, एनीमिया, कुपोषण, स्कूल से अनुपस्थिति और आर्थिक उत्पादकता में कमी का कारण बनता है।
दवा सेवन की खुराक इस प्रकार निर्धारित है –
* 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली (दो चम्मच के बीच चूरकर)
* 2 से 3 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली (चूरकर)
* 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली चबाकर खाने की सलाह दी गई है।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. रतन कुमार झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद, डॉ. अखिलेश कुमार, डीपीएम विनय रंजन, डीसीएम राहुल किशोर, यूएनडीपी के प्रिय रंजन झा, यूनिसेफ के डॉ. बंटेश नारायण मेहता, बीसीसीएम मुमताज खालिद, दिनेश कुमार दिनकर, मृत्युंजय कुमार, पिरामल फाउंडेशन की टीम, विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।