अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी जारी है| बता दें कि रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद क्रूड ऑयल ने 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार किया था, लेकिन इतने पर भी इसका उबाल ठंडा नहीं पड़ा है| बता दें कि कई देशों ने इससे बचने के लिए स्ट्रेटजिक रिजर्व का सहारा लिया, बावजूद क्रूड ऑयल चढ़ता जा रहा है| बीते बुधवार को ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल के भी पार निकल गया.
3 महीने में इतना महंगा हुआ कच्चा तेल
यूक्रेन संकट के चलते पिछले दिनों क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी तेजी देखने को मिली है| बता दें कि क्रूड ऑयल 02 दिसंबर 2021 को 70 डॉलर के आस-पास था, लेकिन अभी यह 110 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल चुका है. दिल्ली में डीजल-पेट्रोल के दाम में 02 दिसंबर के बाद कोई बदलाव नहीं हुआ है. दिल्ली सरकार ने एक दिसंबर को डीजल और पेट्रोल पर वैट में कटौती की थी. उसके बाद से दिल्ली में डीजल और पेट्रोल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
अभी ऐसे तय होता है डीजल-पेट्रोल का दाम
वहीं मौजूदा नीति के हिसाब से सरकारी तेल कंपनियां क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों के अनुसार डीजल-पेट्रोल की खुदरा दरों में बदलाव करती हैं. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है. अब इस बात की आशंका है कि जैसे ही 7 मार्च को आखिरी चरण का मतदान होगा, सरकारी तेल कंपनियां तेजी से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने लगेगी.
जब नवंबर में केंद्र सरकार ने एक्साइज में कटौती की थी, तब क्रूड ऑयल 82 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था. इस तरह नवंबर की तुलना में अभी क्रूड ऑयल करीब 35 फीसदी महंगा हो चुका है. इस हिसाब से तेल कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाए तो जल्दी ही इनकी खुदरा कीमतें नया रिकॉर्ड बना सकती हैं. ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट की मानें तो तेल कंपनियां डीजल और पेट्रोल के दाम इतना ज्यादा नहीं बढ़ाने वाली हैं.
