राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देश के आलोक में शनिवार को भागलपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में वर्ष 2025 की चौथी एवं अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का उद्देश्य लंबित मामलों का त्वरित, सरल और आपसी सुलह के आधार पर निष्पादन कर आम लोगों को न्यायिक राहत प्रदान करना है। इस अवसर पर न्यायालय परिसर में सुबह से ही पक्षकारों और अधिवक्ताओं की भीड़ देखी गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत का औपचारिक उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भागलपुर, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय भागलपुर, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, जिलाधिकारी तथा सीनियर एसपी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। उद्घाटन के दौरान सभी न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों ने लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डाला।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक ऋण विवाद, बिजली बिल से जुड़े मामले, दीवानी वाद, आपराधिक सुलहनीय वाद, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, मोटर दुर्घटना बीमा दावा, ट्रैफिक चालान सहित अन्य कई प्रकार के मामलों का आपसी सुलह और समझौते के आधार पर निष्पादन किया जा रहा है। लोक अदालत के माध्यम से ऐसे मामलों का त्वरित समाधान होता है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है।
भागलपुर जिले में कुल 20 बेंचों का गठन किया गया है, जबकि नवगछिया में 4 और कहलगांव में 3 बेंच गठित की गई हैं। इस तरह कुल 27 बेंचों पर मामलों का निपटारा किया जा रहा है। प्रत्येक बेंच में न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि मौजूद हैं, जो पक्षकारों को सुलह के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
लोक अदालत की सबसे खास बात यह है कि यहां आपसी सुलह के माध्यम से निपटाए गए मामलों में अपील का कोई प्रावधान नहीं होता, जिससे विवादों का अंतिम और स्थायी समाधान हो जाता है। इस लोक अदालत में मोटर वाहन चालान से जुड़े मामलों का भी बड़े पैमाने पर निष्पादन किया जा रहा है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिल रही है।
जानकारी के अनुसार, इस राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए करीब 23 हजार पक्षकारों को नोटिस भेजा गया था। इनमें से बड़ी संख्या में पक्षकार अपने-अपने मामलों के निपटारे के लिए न्यायालय परिसर पहुंचे। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सहित सिविल जज सीनियर और जूनियर डिवीजन, अधिवक्ता तथा बड़ी संख्या में पक्षकार उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों का समाधान होगा और लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत होगा।
