भागलपुर स्मार्ट सिटी को जाम की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया। शहर के कोयला डिपो स्थित पुराने बस स्टैंड को स्थानांतरित कर बाईपास थाना क्षेत्र के समीप रिक्शाडीह में एक अस्थायी बस स्टैंड का निर्माण कराया गया। प्रशासन ने इस बस स्टैंड को आनन-फानन में शुरू तो कर दिया, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण यह निर्णय अब यात्रियों और बस कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
बस मालिकों और कंडक्टरों का कहना है कि अस्थायी बस स्टैंड पर अब तक किसी भी प्रकार की ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। बसों के खड़े होने के लिए न तो निर्धारित जगह चिन्हित की गई है और न ही बसों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए कोई स्पष्ट योजना तैयार की गई है। इसके चलते बस संचालन में लगातार दिक्कतें आ रही हैं और अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है।
वहीं यात्रियों की परेशानी और भी गंभीर है। यात्रियों ने बताया कि बस स्टैंड पर शौचालय, पीने का पानी, बैठने के लिए यात्री शेड, पर्याप्त लाइटिंग और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह नदारद हैं। अंधेरा होने के कारण खासकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों का आरोप है कि बिना किसी पूर्व तैयारी के बस स्टैंड को चालू कर देना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
अस्थायी बस स्टैंड के शुरू होते ही टोटो और ऑटो चालकों की मनमानी भी सामने आने लगी है। यात्रियों का कहना है कि जहां पहले बैजानी और फुलवरिया से भागलपुर जाने का किराया ₹10 लिया जाता था, वहीं अब रिक्शाडीह बस स्टैंड से भागलपुर का किराया बढ़ाकर ₹15 कर दिया गया है। किराए में इस बढ़ोतरी से आम यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि रिक्शाडीह स्थित अस्थायी बस स्टैंड को जल्द ही सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस कर दिया जाएगा और व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। लेकिन प्रशासन के इस आश्वासन के बावजूद फिलहाल यात्रियों और बस कर्मियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन अपने दावे को कितनी जल्दी धरातल पर उतार पाता है।
