नई सीढ़ी घाट और अजगैवीनाथ मंदिर के बीच पुल से दक्षिण पानी में एक मगरमच्छ को देखे जाने की सूचना पर शनिवार को दल-बल के साथ वन प्रमंडल पदाधिकारी भरत चिंतपल्ली सुल्तानगंज गंगा घाट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बोट से घूम-घूमकर निरीक्षण किया, लेकिन मगरमच्छ नजर नहीं आया।

उन्होंने बताया कि मगरमच्छ को काफी समय तक यहां देखा गया है। उसका कंफर्म साइट पाया गया है। लेकिन टीले पर उसके विचरण करने का चिह्न नहीं मिला। उन्होंने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि रहने से इन दिनों मछलियों की संख्या ज्यादा रहने एवं मगरमच्छ निकलने वाले स्थल पर जलस्तर कम रहने और मेन वाटर चैनल से कटा हुआ रहने से मगरमच्छ के यहां आने की संभावना बनी हुई है। जो तेज करंट में कुछ दिनों बाद यहां से पानी के साथ बहकर चला जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों को मगरमच्छ से दूरी मेंनटेन रखने की आवश्यकता है। मगरमच्छ का संरक्षण बहुत जरुरी है। क्योंकि विश्व में सिर्फ पांच देशों भारत, श्रीलंका, बंगलादेश,पाकिस्तान एवं ईरान में 9000 से भी कम संख्या में मगरमच्छ बचा हुआ है। इधर इनके साथ आए डॉ संजीत कुमार ने बताया कि पेट्रोलिंग बोट के साथ-साथ वनरक्षी, वनपाल की प्रतिनियुक्ति आवश्यक संसाधन के साथ कर दिया गया है।

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