बिहार की राजनीति में एक बार फिर शिल्पी गौतम हत्याकांड सुर्खियों में है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को लेकर दिए गए बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेस से बात करते हुए प्रशांत किशोर पर सीधा हमला बोला और उन्हें नौसिखिया नेता बताते हुए कहा कि “अब राजनीति में आए हैं तो हिसाब देना होगा, जनता सबका हिसाब करेगी।”

सम्राट चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि शिल्पी गौतम कांड की सीबीआई जांच पूरी हो चुकी है। इस मामले में सच्चाई सामने आ चुकी है। “प्रशांत किशोर को न बिहार का इतिहास पता है और न ही यहां की सच्चाई। वे जिस राकेश का नाम ले रहे हैं, वह दरअसल हाजीपुर का रहने वाला एक आइसक्रीम बेचने वाला था। पता नहीं, उनको कहां-कहां से बुद्धि मिल रही है,” उन्होंने कहा।

प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “बिहार का रहने वाला हूं, किसी से कुछ छुपाना नहीं है। प्रशांत किशोर पूरे देश को लूटकर आए हैं। वे दावा करते हैं कि उन्होंने जन सुराज को 241 करोड़ रुपये दिए। आखिर क्यों दिया? कोई कंपनी जिसकी औकात 10 लाख की है, वह 10 करोड़ का चंदा कैसे दे सकती है? यह जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश है।”

सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर को याद दिलाया कि 1995 में जब वे स्वयं राजनीतिक संघर्ष कर रहे थे, तब उन्हें और उनके परिवार को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। “हमारे परिवार के 22 लोग जेल में थे। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे समर्थन में 7 किलोमीटर पैदल मार्च किया था। मानवाधिकार आयोग ने भी तत्कालीन लालू सरकार के खिलाफ कार्रवाई की थी। यह सब इतिहास है। जनता सब जानती है और समय आने पर सबका हिसाब लेगी,” उन्होंने कहा।

उपमुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को सीधा संदेश देते हुए कहा कि “नेतृत्व करने के लिए ईमानदारी और संघर्ष का इतिहास चाहिए। नौसिखिया राजनीति से जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता। बिहार की जनता समझदार है और समय आने पर एनडीए को ही आशीर्वाद देगी।”

गौरतलब है कि सोमवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी को सीधे चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि शिल्पी गौतम हत्याकांड में सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार को संदिग्ध आरोपी बनाया गया था। किशोर ने यह भी कहा कि सम्राट चौधरी को इस मामले पर खुलकर मीडिया के सामने सफाई देनी चाहिए।

### क्या है शिल्पी गौतम केस?

3 जुलाई 1999 को पटना के एक सरकारी क्वार्टर के गैराज से दो अर्धनग्न शव बरामद हुए थे। यह गैराज बाहुबली साधु यादव का बताया जाता था। मृतकों की पहचान 23 वर्षीय शिल्पी और गौतम के रूप में हुई। शिल्पी, पटना वीमेंस कॉलेज की छात्रा थीं और मिस पटना का खिताब जीत चुकी थीं। वहीं गौतम, एक चिकित्सक के बेटे और आरजेडी की युवा शाखा से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ता थे। दोनों की मौत ने उस समय बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया था।

सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी, जिसके बाद यह मामला अदालत तक पहुँचा। हालांकि, इतने वर्षों बाद भी यह केस राजनीतिक बहस का केंद्र बना हुआ है। प्रशांत किशोर द्वारा उठाए गए सवालों ने इसे एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।

 

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