महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने न सिर्फ नारेबाजी, मार्च, धरने और बैनर के माध्यम से विरोध जताया, बल्कि काले कपड़े पहनकर भी अपना प्रतिरोध व्यक्त किया.

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं के विरोध को पार्टी की ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति से जोड़ा. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन इसलिए किया गया ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2020 में इस दिन राम मंदिर की नींव रखे जाने का विरोध किया जा सके. शाह ने पत्रकारों से कहा, ‘आज का दिन कांग्रेस ने इसलिए काले कपड़ों में विरोध के लिए चुना, क्योंकि वे इसके माध्यम से संदेश देना चाहते हैं कि हम राम जन्मभूमि के शिलान्यास का विरोध करते हैं और अपनी तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि आज ही के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास करके 550 वर्ष पुरानी समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकाला था.

उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण अब तेजी से चल रहा है. शाह ने दावा किया कि कांग्रेस मंदिर निर्माण पर अपना विरोध जता रही है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और महंगाई के मुद्दे तो महज बहाना हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस खुले तौर पर मंदिर का विरोध नहीं कर सकती थी, इसलिए उसने एक गुप्त संदेश देने की कोशिश की है. गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से ज्यादातर समय तक सत्ता में रहने के बावजूद, कांग्रेस ने विवाद को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया, जबकि मोदी ने शांतिपूर्ण तरीके से इसका समाधान निकाला.

कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी और कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई नेताओं और 60 से अधिक सांसदों को हिरासत में ले लिया गया. हालांकि, सभी बाद में रिहा कर दिये गए. पार्टी के प्रदर्शन में शामिल हुए नेताओं ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे.

राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन के लिए मार्च निकाला. हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया. कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी. इसके तहत कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रधानमंत्री आवास का ‘घेराव करने’ की योजना थी. पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता इसी के लिए कांग्रेस मुख्यालय में जमा हुए थे.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी प्रधानमंत्री आवास के घेराव के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ’24 अकबर रोड’ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंचीं, जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया. काले रंग की सलवार-कमीज ओर दुपट्टा पहने प्रियंका पार्टी मुख्यालय के सामने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक को लांघकर दूसरी तरफ पहुंचीं और सड़क पर धरने पर बैठ गईं. कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *