देहरादून के यू-ट्यूबर अगस्ते चौहान ने 294 की स्पीड को छू लिया था। उसके हेलमेट में लगे कैमरे में यह स्पीड रिकार्ड हुई है। इसमें अगस्ते यह कहते दिख रहे हैं कि हेलमेट की पैडिंग ठीक नहीं है। कहीं उड़ ना जाए। पुलिस का मानना है कि तेज रफ्तार में ही अगस्ते की बाइक लड़खड़ाई, जिसके बाद घिसटते हुए उनका सिर डिवाइडर से टकराया और जान चली गई।

टप्पल क्षेत्र के यमुना एक्सप्रेस वे प्वाइंट 47 पर बुधवार को हादसे में देहरादून के कनाट प्लेस निवासी यू-ट्यूबर अगस्ते चौहान की मृत्यु हो गई थी। पिता ने हत्या का संदेह जताया था। कहा था कि बेटे के दो कैमरे गायब हैं। करीब तीन घंटे की तलाशी के बाद पुलिस को हेलमेट पर लगा एक कैमरा घटनास्थल के पास झाड़ियों में फंसा मिला। इसमें घटना से पहले पांच मिनट की एक वीडियो रिकार्ड हुई है।

पुलिस के अनुसार पांचों रेसर सुबह करीब छह बजे राइड पर निकले थे। 9:29 बजे पांचों रेसर जेवर टोल पर पहुंचे। 9:32 पर आमिर व अगस्ते जेवर टोल को पार करके मथुरा की तरफ बढ़े। करीब पांच किलोमीटर बाद ही दोनों ने यू-टर्न लिया। वीडियो में दोनों साथ में यू-टर्न लेते दिखे हैं।

वीडियो में प्रतीत हो रहा है कि अगस्ते की लगातार आमिर से फोन पर बात हो रही थीं। इसमें वह कह रहा था कि हेलमेट परेशान कर रहा है। लग रहा है कि कहीं वह उड़ ना जाए। स्पीड तेज पर उसने ये भी कहा कि बाइक को नियंत्रित करने के लिए 200-300 मीटर पहले ही ब्रेक लगाने होंगे। इसके बाद एक जगह 294 की स्पीड को छूने के दौरान उसने ये भी कहा कि 300 रह गया। संभवत: उसके सामने कोई गाड़ी आ गई तो ब्रेक लगाने पड़े। इसके कुछ मिनटों बाद ही हादसा हो गया। 10:02 बजे पीआरवी को हादसे की सूचना मिली थी।

पिता जितेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि बेटे के शरीर पर कहीं कोई चोट नहीं थी। सिर्फ सिर में चोट आई है। अगर बाइक 300 की स्पीड में होती तो कुछ नहीं बचता। इसके अलावा उसके साथियों ने करीब साढ़े तीन घंटे तक घटना को छिपाए रखा। एक बजे सूचना दी। आमिर ने जो वीडियो डाली है, उसमें अगस्ते उसके पीछे दिखा है। उस समय आमिर की बाइक की स्पीड 113 थी। इससे स्पष्ट है कि अगस्ते की स्पीड कम थी। उसका टायर फटा नहीं था। संभवत: रिम किसी से टकराई। मैं पड़ताल कर रहा हूं। इसके बाद तहरीर दूंगा। 

इटरनेशनल बाइक राइडर्स योगेश शर्मा ने बताया कि हम कभी अपने राइडर को दौड़ की अनुमति नहीं देते। राइड से पूर्व ट्रेनिंग होती है। इसमें मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करने, गति नियंत्रित रखने व सुरक्षा के लिए सिर पर हैलमेट, कोहनी, घुटना, कंधों आदि पर गार्ड आदि लगाने से संबंधित दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। राइडिंग में बाइक को दौड़ना नहीं, रोकना और नियंत्रित करना सिखाया जाता है, ताकि दुर्गम मार्गों से सुरक्षित गंतव्य पर पहुंच सकें। कई बार रेस लगाने वाले बाइकर्स को ग्रुप से निलंबित कर देते हैं।

राइडर्स हो या अन्य दुपहिया वाहन चालक, ब्रांडेड कंपनी का आइएसओ मार्का हैलमेट ही इस्तेमाल करें। यह हल्का, मजबूत और मौसम अनुकूल होता। देहरादून के राइडर्स की मृत्यु का कारण तेज गति से बाइक चलाना बताया जा रहा है। मेरी अभिभावकों से अपील है कि वह बच्चों को सुपर स्पीड वाली बाइक न दिलाएं। यदि दिलाएं तो सुनिश्चित करें कि वह दुरुपयोग नहीं करेगा।

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