भागलपुर खाकी महकमे का एक ऐसा मामला सिल्क सिटी में आया है जो पिता के जिंदा रहते उन्हें कागज पर मृत घोषित कर दिया। उसने पिता नौकरी ले ली। एक दिन अचानक बुजुर्ग सामने प्रकट हो गए। लोगों ने देखा तो सभी चौंक गए।
भागलपुर। खाकी महकमे में एक ऐसा सपूत भी सिल्क सिटी में है जो पिता के जिंदा रहते उन्हें कागज पर मृत घोषित कर नौकरी ही हथिया रखी है। पिता के जिंदा रहते नौकरी हथियाने वाले सपूत की कलई हाल में अचानक भागलपुर आगमन के दौरान तब खुल गई जब उन्हें जानने वाले दो लोग उन्हें देख भौचक रह गए। दोनों को मालूम था कि उनका बेटा तो नौकरी में है। दोनों शख्स उन्हें पहचान लेने के बाद भी कुछ बोलने से इसलिए भयभीत हो गए कि बेटे की हनक शहर में काफी है। अपने साहब का सरकारी वाहन लेकर अक्सर चौक-चौराहे पर वर्दी की धौंस जमा लोगों को भयभीत करता है। दोनों शख्स हनक के भय से सकपका गए, लेकिन पिता के आगमन और उन्हें आनन-फानन वापस करने की गतिविधियां वीडियो क्लिप में कैद हो गई हैं। मामले में जल्द बड़ा गड़बड़झाला सामने आने वाला है।
वसूली वाले ही बन गए पंच
जिले में अरसे से विभिन्न प्रमाण पत्रों के एवज में तयशुदा नाजायज राशि की वसूली के खेल में लगे हालिया ग्रहण बाद अफरा-तफरी मची हुई है। आला अधिकारियों ने वसूली के खेल को साहस जुटाकर उजागर कराया था। खेल में शामिल प्यादे दबोचे भी गए, लेकिन मास्टर माइंड का चेहरा उजागर होने से पहले दिन के उजाले में गुम हो गया। वसूली के खेल के मास्टर माइंड ने खेल उजागर होने के चंद मिनटों बाद ही बचाव की पेशबंदी शुरू कर दी। जिस स्थान पर वसूली का खेल हो रहा था, वह एक लिपिक का कक्ष था। पेशबंदी में उसे भी आरोपित बना डाला। ऐसा करने के पीछे मकसद था कि अब वह खेल का सच बताएगा भी तो उसके बयान पर कोई यकीन नहीं कर सफाई बयान मानेगा। मास्टर माइंड खुद वादी बन पंच की भूमिका में आ गए। इधर, पुलिस भी हकीकत उजागर करने में जुट गई है।