बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के तुर्की गांव में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब दिनदहाड़े एक महिला दुकानदार संगीता कुमारी पर जानलेवा हमला किया गया। पीड़िता ने कोसी रेंज के डीआईजी कार्यालय में आवेदन देकर हमलावरों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पीड़िता संगीता कुमारी, जो अपने पति संजय सिंह के साथ गांव में जेनरल स्टोर चलाती हैं, ने अपने आवेदन में आरोप लगाया कि मंगलवार को लगभग 3 बजे जब वह अपनी दुकान पर ग्राहकों को सामान दे रही थीं, तभी गांव के ही 10 से अधिक लोग हथियारों से लैस होकर दुकान पर पहुँचे और अचानक हमला कर दिया।
हमलावरों में राजेश यादव, दुर्बल मुखिया, अनुज यादव, मजन यादव, सुलतान यादव, पचन यादव, फुल कुमारी देवी, विवेक यादव, सदानन्द यादव और सौरव यादव शामिल थे। पीड़िता ने बताया कि इन सभी ने एक सुनियोजित साजिश के तहत उनके दुकान पर धावा बोला।
संगीता कुमारी ने आरोप लगाया कि हमलावरों का नेतृत्व कर रहे राजेश यादव ने रंगदारी के तौर पर 50,000 रुपये की मांग की। जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया, तो राजेश यादव ने गाली-गलौज करते हुए उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इस बीच अन्य आरोपियों ने दुकान के कैश काउंटर को तोड़ डाला और उसमें रखे लगभग 5,000 रुपये लूट लिए।
इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने दुकान में रखे लगभग 25,000 रुपये मूल्य के सामान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने लाठी, रॉड, खंती, हथौड़ा, ईंट और पत्थरों से दुकान की छत और शटर को भी तोड़ डाला, जिससे लगभग 30,000 रुपये का और नुकसान हुआ।
हमले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हमलावरों में से विवेक यादव ने देशी कट्टा से गोली चलाई, जो संगीता कुमारी के सिर के पास से निकल गई। यह घटना किसी बड़े हादसे का संकेत थी, लेकिन सौभाग्य से संगीता बाल-बाल बच गईं।
घटना की जानकारी मिलते ही 112 की मोबाइल पुलिस घटनास्थल पर पहुँची, लेकिन तब तक सभी आरोपी मौके से फरार हो चुके थे। पीड़िता और उनके परिवार का आरोप है कि स्थानीय सिमरी बख्तियारपुर थाना के थानाध्यक्ष को घटना की जानकारी देने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़िता ने बताया कि वह और उनका परिवार इस घटना से काफी डरे हुए हैं और उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। इसीलिए उन्होंने कोसी रेंज के डीआईजी कार्यालय में पहुँचकर पूरे मामले की जानकारी दी और हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि समय रहते पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए, तो उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
पीड़िता ने अपने आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि यह हमला किसी व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम नहीं, बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा प्रतीत होता है। उन्होंने डीआईजी से गुजारिश की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके ऊपर सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया जाए।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है। स्थानीय लोग भी इस घटना को लेकर बेहद चिंतित हैं और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर महिलाओं और दुकानदारों की सुरक्षा इस तरह खतरे में रहेगी, तो आम लोग कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे।
बिहार में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, और यह मामला एक और गंभीर उदाहरण है कि किस तरह से अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।
अब देखने वाली बात होगी कि डीआईजी स्तर से इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं और पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं। संगीता कुमारी ने साफ कहा है कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती,