भागलपुर जिले के नवगछिया थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप की आड़ में चल रहे एक फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना 20 मई की है जब नवगछिया पुलिस को नयाटोला इलाके के एक मकान में संदिग्ध गतिविधियाँ चलने की सूचना मिली।
सूचना मिलते ही नवगछिया थाना पुलिस की टीम त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंची और संदिग्ध मकान में छापेमारी की। पुलिस की इस कार्रवाई में दो आरोपियों – पूनम कुमार और श्रीराम पासवान को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की और मकान की तलाशी ली, तो उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और डिजिटल ठगी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद हुए।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 9 एंड्रॉयड मोबाइल फोन, 2 टैबलेट, 1 राउटर सेट, 18 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, और 7 अलग-अलग बैंकों की चेक बुक बरामद की हैं। इसके अलावा, कई अन्य संदिग्ध उपकरण और दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जो इस साइबर अपराध की गंभीरता और व्यापकता को दर्शाते हैं।
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी ‘रेड्डीबुक ब्लू’ नामक एक ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। इस ऐप के माध्यम से वे फर्जी नामों पर बैंक खाते और दस्तावेज तैयार कर ऑनलाइन लेन-देन करते थे। इन खातों का उपयोग अवैध ट्रांजेक्शनों और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा था। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी लोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य व्यक्तिगत दस्तावेजों की क्लोनिंग कर उनके नाम से बैंक खाते खोलते थे, और फिर उन खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाता था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह पूरा रैकेट एक सुनियोजित ढंग से चलाया जा रहा था। आरोपी खुद को सामान्य नागरिकों के रूप में छुपाकर काम कर रहे थे और तकनीकी साधनों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को शिकार बना रहे थे। इस रैकेट का संचालन मुख्य रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो रहा था, जिससे इसकी पकड़ और निगरानी करना मुश्किल हो रहा था।
फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और उनके आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस साइबर ठगी रैकेट से और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि इसमें कई राज्यों से जुड़े अपराधी शामिल हो सकते हैं और यह एक अंतरराज्यीय गिरोह हो सकता है।
भागलपुर के पुलिस अधीक्षक ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस लगातार सतर्क है और ऐसे अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि वे अनजान लिंक, ऐप्स और कॉल से सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी काफी चर्चा है। लोग आश्चर्यचकित हैं कि उनके ही इलाके में इस तरह का एक बड़ा साइबर अपराध रैकेट चल रहा था। नवगछिया पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक बड़ी ठगी की योजना विफल हो गई और दो मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया गया।
इस मामले में अब आगे की कार्रवाई की जा रही है और पुलिस तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से जब्त किए गए मोबाइल, टैबलेट और अन्य उपकरणों की फॉरेंसिक जांच करा रही है। इससे इस रैकेट के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।
भागलपुर पुलिस की यह कार्रवाई साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे के बीच एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह घटना न केवल अपराधियों के हौसलों को झटका देने वाली है, बल्कि आम जनता को भी जागरूक करने वाली है कि डिजिटल दुनिया में ठगी के नए-नए तरीके किस तेजी से विकसित हो रहे हैं।
