भागलपुर: बांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत आनंदपुर सिमरामोड़ भाथुरिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 50 वर्षीय ठाकुर मुर्मू को अपराधियों ने उस समय गोली मार दी, जब वह अपनी पत्नी के साथ झोपड़ी में सो रहे थे। यह घटना 4 अप्रैल की रात करीब 1 बजे की है, जब दो अज्ञात अपराधी अचानक झोपड़ी में घुस आए और ठाकुर मुर्मू को गोली मारकर फरार हो गए।
गोली अभी तक ठाकुर मुर्मू के शरीर में फंसी हुई है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है और आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के कारण इलाज में काफी मुश्किलें आ रही हैं। ठाकुर नाई का काम करने के साथ-साथ थोड़ी बहुत खेती कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं।
घटना के तुरंत बाद परिजन उन्हें लेकर बांका सदर अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें मायागंज मेडिकल कॉलेज, भागलपुर रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही कुछ दलालों ने बेहतर इलाज का झांसा देकर उन्हें मायागंज न ले जाकर निजी अस्पतालों के चक्कर में डाल दिया। फिलहाल ठाकुर मुर्मू भागलपुर के श्रीराम अस्पताल में भर्ती हैं, जहां इलाज के लिए जरूरी पैसे भी उनके पास नहीं हैं।
ठाकुर मुर्मू की पत्नी, पल्लू मरांडी, अपने घायल पति को लेकर दर-दर भटक रही हैं। उन्होंने बताया कि उनका किसी से कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं है। “हम लोग झोपड़ी में सोए थे, तभी अचानक दो लोग आए और मेरे पति को गोली मार दी। गोली चलने की आवाज सुनकर मेरी नींद खुली। मेरे बेटे और गांव के लोग पहुंचे लेकिन तब तक अपराधी फरार हो चुके थे।”
पल्लू मरांडी ने बताया कि घटना की शिकायत स्थानीय थाने में कर दी गई है, लेकिन अभी तक न तो अपराधियों का कोई सुराग मिला है और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस मदद।
इलाज में पैसे की कमी और उचित दिशा-निर्देश के अभाव में पीड़ित परिवार बेहद कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है। अब सवाल यह है कि प्रशासन ऐसे जरूरतमंदों की मदद के लिए कब और क्या कदम उठाएगा।
यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की खामियों को उजागर करता है। जहां एक ओर पीड़ित जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर उसे इलाज के लिए ठोस सहायता नहीं मिल पा रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस परिवार की मदद के लिए आगे आएं और उन्हें न्याय दिलाने के साथ-साथ बेहतर इलाज भी सुनिश्चित करें।
