नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारत के साथ दुनियाभर में कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है। वायरस हवा में कैसे जीवित रहता है इस पर किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस हवा में फैलने के बाद 20 मिनट के अंतर में ही संक्रमित होने की अपनी क्षमता को 90% तक खो देता है। साथ ही, शुरुआती 5 सेकंड में ही वायरस अपनी आधी ताकत खो देता है। शोधकर्ताओं ने इसके पीछे की वजह हवा में नमी और कार्बन डायऑक्साइड की कमी को बताया है।
कोरोना वायरस पर नई रिसर्च
एक नई स्टडी के अनुसार, कोरोना वायरस हवा में आने के 20 मिनट के अंदर 90 प्रतिशत कम संक्रामक हो जाता है और हवा में आने के पहले पांच मिनट के बाद ही संक्रमित करने की अपनी अधिकांश क्षमता खो देता है। रिसर्चर्ज़ का कहना है कि, ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के एरोसोल रिसर्च सेंटर द्वारा प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए फेस मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व की पुष्टि करते हैं।
कैसे फैलता है कोरोना का संक्रमण?
कोविड-19 वायरस हवा के ज़रिए फैलता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके मुंह से निकलने वाले कण आसपास खड़े व्यक्ति के शरीर में सांस के ज़रिए प्रवेश कर उसे संक्रमित कर सकते हैं।
हवा में आते ही वायरस बेदम कैसे हो जाता है?
शोधकर्ताओं के अनुसार, हवा वायरस के कणों को सुखा देती है। साथ ही, हवा में कार्बन डाइऑक्साइड की कमी होने की वजह से वायरस का pH स्तर बढ़ जाता है। इसकी वजह से वायरस संक्रमण फैलाने की क्षमता मिनटों में ही खो देता है।
फिर शरीर में कैसे रह जाता है ज़िंदा
वैज्ञानिकों का दावा है कि कोविड-19 नमी और कार्बन डाइऑक्साइड की ज़्यादा मात्रा वाले वातावरण में अधिक समय तक जिंदा रहता है। क्योंकि उसे ये दोनों ही चीजें हमारे फेफड़ों में मिल जाती हैं, इसलिए ये हमारे शरीर में आसानी से ज़िंदा रह पाता है।
मास्क और शारीरिक दूरी हैं ज़रूरी
रिसर्च में ये दावा किया गया है कि वायरस की संक्रमण फैलाने की क्षमता हवा में आने के चंद मिनटों बाद ही ख़त्म हो जाती है। अगर ऐसा होता है, तो मास्क पहनने और शारीरिक दूरी बनाए रखने से ही हम कोरोना को मात दे सकते हैं।