कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी ढेरों कहानियां आए दिन सुनने को मिल रही हैं। लेकिन जोधपुर की जो कहानी सामने आई है उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। जिस फरार जोड़े को पुलिस तीन साल से नहीं ढूंढ पाई थी, कोरोना वैक्सीनेशन ने उसका पता बता दिया।

बेहद दिलचस्प है मामला

मगरा पुंजला के गांधी नगर में रहने वाला युवक 2019 में घर से आईटीआई जाने के लिए बोलकर निकला था। लेकिन वह पड़ोस में ही रहने वाली युवती के साथ गायब हो गया। युवक-युवती के गायब होने के बाद परिजनों ने पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। साथ ही यूपी, हरियाण और दिल्ली वगैरह में उसकी तलाश भी की, लेकिन दोनों का कहीं पता नहीं चला। युवक जोमैटो में फूड डिलीवरी का काम करता था। पुलिस ने जोमैटो कंपनी से भी पता किया। लेकिन उसमें भी कोई सफलता नहीं मिली।

घर के नंबर से लिंक था आधार

इस बात को तीन साल बीत गए थे। इस बीच अचानक एक दिन युवती के घरवालों के पास आधार का एक लिंक आया। इसमें युवती की लोकेशन चंडीगढ़ में मिली। असल में युवक-युवती ने चंडीगढ़ में कोरोना का टीका लगवाया था। युवती का आधार घर के नंबर से ही लिंक था। ऐसे में मैसेज घर के मोबाइल पर आया। परिजनों ने इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दी। पुलिस चंडीगढ़ पहुंची और दोनों को जोधपुर ले आई।

चंडीगढ़ वैक्सीन सेंटर के पास ही रहते थे दोनों

जोधपुर से भागकर प्रेमी जोड़ा पहले दिल्ली पहुंचा। फिर दोनों चंडीगढ़ में जाकर रहने लगे। चंडीगढ़ में दोनों ने शादी कर ली और कमरा लेकर रहने लगे। इसके बाद दोनों ने वहीं जॉब भी शुरू कर दी थी। कोरोना काल में भी दोनों घर नहीं लौटे और सरकार से मिलने वाले राशन आदि को लेकर गुजारा करते रहे। लेकिन कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन से दोनों पुलिस की पकड़ में आ गए।

हाई कोर्ट में पुलिस को लगी थी फटकार

जब पुलिस युवक-युवती को ढूंढ पाने में नाकाम रही थी तो घरवालों ने राजस्थान हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी। याचिका की सुनवाई में न्यायालय ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए युवक को जल्द कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। लेकिन पुलिस फिर खाली हाथ ही रही। हाई कोर्ट में दुबारा सुनवाई से पहले ही कोरोना वैक्सीन ने पुलिस का काम आसान कर दिया।

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