बिहार के 10 जिलों में कोरोना के नए संक्रमित पाए गए हैं। सबसे अधिक 27 संक्रमित सिर्फ पटना जिले में मिले हैं। इसके अलावा गया खगड़िया सहरसा मुंगेर भागलपुर पूर्वी चंपारण जहानाबाद मधुबनी मुजफ्फरपुर और सिवान जिले में भी नये संक्रमित पाए गए हैं।
बिहार में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के नये संक्रमितों की संख्या में दो गुनी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। शनिवार को कुल 46 नये कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसी के साथ सक्रिय मरीजों की संख्या 100 के पार हो गई है। पिछले दिनों पीएमसीएच में भर्ती एक मर्जी में कोविड के नए वेरिएंट XBB 1.16 की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच में तेजी दिखाई, जिसके बाद नए मामले सामने आ रहे हैं।
अब तक राज्य के 10 जिलों में कोरोना के नए संक्रमित पाए गए है। सबसे अधिक 27 संक्रमित सिर्फ पटना जिले में मिले हैं। इसके अलावा गया, खगड़िया, सहरसा, मुंगेर, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और सिवान जिले में भी नये संक्रमित पाए गए हैं।
कोलकाता-दिल्ली से लौटे यात्री मिले संक्रमित
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में जांच के दौरान एक महिला सहित दो लोगों के कोरोना पाजिटिव होने की पुष्टि हुई है। दोनों मरीज राज्य के बाहर से आए है। कुढ़नी का युवक कोलकाता से आया है। वहीं, अतरदह मिल्की टोला निवासी एक महिला दिल्ली से आई है। बता दें कि अभी जितने में भी कोविड पाजिटिव मरीज मिल रहे हैं, सभी की ट्रेवल हिस्ट्री बताई जा रही है।
भागलपुर में महिला समेत तीन मरीज मिले
भागलपुर में शनिवार को एंटीजन जांच में दो समेत कुल तीन लोग संक्रमित मिले हैं। संक्रमित में एक महिला भी शामिल है। दोनों को स्वास्थ्य प्रबंधन ने होम आइसोलेशन कर दिया है। एक संक्रमित बेलहर में भी निकला है। राज्य में बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को दिए निर्देश
सोमवार से इंदिरा गाधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वह मरीजों का सैंपल लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना भेजें। आइजीआइएमएस के लैब को भी निर्देश दिया गया है कि सोमवार से जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच आरंभ कर दें।
बता दें कि आइजीआइएमएस पटना के जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में ही जांच के बाद रोहतास के एक मरीज में इस सब-वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जिन मरीजों का सीटी-वैल्यू 25 से कम होगा उनके सैंपल की ही जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी।