पटना । कॉलेज शिक्षकों को 36 घंटे का प्रशिक्षण लेना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह प्रशिक्षण लेना आवश्यक होगा। शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों को इसके कार्यान्वयन की जिम्मेवारी सौंपी है।
विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी कुलपतियों से कहा है कि वे नेप-2020 के तहत चलाए जा रहे इस प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम में सभी शिक्षकों को भाग लेने के लिए निर्देशित करें।
नैक के नोडल पदाधिकारी एनके अग्रवाल को इसके समन्वय की जिम्मेवारी दी गयी है। अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर 15 अगस्त 2022 से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
अब बिहार में इस योजना पर काम हो रहा है। इसके पहले भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार को इस संबंध में पत्र भेजा था। मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को भेजे पत्र में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तार से जिक्र किया है।
शिक्षा मंत्रालय के सचिव के. संजय मूर्ति के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानक के अनुरूप काफी शोध, अध्ययन और अनुसंधान के बाद इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को तैयार किया गया है।
इग्नू ने इस कोर्स को विकसित किया है। इसमें 36 घंटे में अध्ययन-अध्यापन की पूरी रूपरेखा तैयार की गयी है। इसे 6 दिन में पूरा करना है।
ऐसे इसे अधिकतम 9 दिनों में भी पूरा किया जा सकता है। प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। पूरे देश में 6000 कॉलेज शिक्षकों का पायलट बैच शुरू हो चुका है।
हालांकि इसके लिए 30 हजार शिक्षक निबंधित हो चुके हैं। इग्नू का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम यूजीसी-एचआरडीसी के समकक्ष है।
इस कार्यक्रम के तहत कॉलेज शिक्षक समर्थ प्लेटफॉर्म के माध्यम से आगे की कार्यवाही कर सकते हैं। इसमें ई-कंटेंट की 14 इकाई, ई-ट्यूटोरियल के 30 उच्च क्षमता के वीडियो अध्याय, वाद-विवाद के प्लेटफॉर्म, लाइव कॉन्फ्रेस आदि से जुड़े कई कार्यक्रम शामिल किये गये हैं।
अत्याधुनिक पैटर्न पर तैयार किया गया है प्रशिक्षण कोर्स
यह कोर्स बेहद अत्याधुनिक पैटर्न पर विकसित किया गया है। इसमें कॉलेज शिक्षकों को उनके अध्यापन के विविध आयाम की विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
यही नहीं, दुनिया में जो कुछ नया चल रहा है, उसकी भी जानकारी दी जाएगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मूल मकसद यही है कि कॉलेज शिक्षक अपने छात्र-छात्राओं को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें और उन्हें मौजूदा परिवेश के लिए तैयार कर सकें।